Lord Vishnu Puja: जानें गुरुवार को क्यों की जाती है भगवान विष्णु की पूजा

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Lord Vishnu Puja: जानें गुरुवार को क्यों की जाती है भगवान विष्णु की पूजा
Lord Vishnu Puja: जानें गुरुवार को क्यों की जाती है भगवान विष्णु की पूजा

भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है गुरुवार का दिन
Lord Vishnu Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है, और गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ देवताओं के गुरु देवगुरु बृहस्पति की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

माना जाता है कि गुरुवार के दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, सुख-समृद्धि आती है और विवाह संबंधी बाधाएं भी समाप्त होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर गुरुवार को ही विष्णु पूजा का दिन क्यों माना गया?

गुरुवार को विष्णु पूजा का महत्व

  • बृहस्पति देव का दिन: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह का दिन होता है। बृहस्पति को देवताओं का गुरु और ज्ञान, धर्म, संतान, विवाह और भाग्य का कारक माना जाता है। भगवान विष्णु को भी गुरुओं में सर्वश्रेष्ठ कहा जाता है, इसलिए गुरुवार को उनकी पूजा से बृहस्पति ग्रह मजबूत होते हैं और शुभ फल देते हैं।
  • सुख-समृद्धि और ज्ञान: इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के ज्ञान और विवेक में वृद्धि होती है। करियर और कारोबार में तरक्की मिलती है, और घर में सुख-शांति व समृद्धि का वास होता है।
  • विवाह बाधा निवारण: मान्यता है कि अविवाहित लड़के-लड़कियां अगर गुरुवार का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, तो उनके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
  • मां लक्ष्मी की कृपा: भगवान विष्णु की पूजा से उनकी अर्धांगिनी माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं, जिससे भक्तों को धन-धान्य की कमी नहीं होती।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पक्षियों में विशिष्ट और भगवान विष्णु के प्रिय वाहन गरुड़ देव ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। गरुड़ देव चाहते थे कि उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त हो। उन्होंने अपनी तपस्या के लिए गुरुवार का दिन चुना और इसी दिन पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत किया। उनकी सच्ची भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें वरदान दिया।

भगवान विष्णु ने गरुड़ देव को यह कृपा दी कि वह हमेशा उनके साथ रहेंगे और उनका प्रिय वाहन कहलाएंगे। चूंकि गरुड़ देव ने गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था और उनकी कृपा प्राप्त की थी, इसलिए उसी दिन से गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे शुभ और समर्पित दिन माना जाने लगा।

पूजा विधि और नियम

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा में पीले रंग का विशेष महत्व होता है क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु और बृहस्पति दोनों को प्रिय है।

  • वस्त्र: इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
  • पूजा सामग्री: भगवान को पीले फूल, पीले फल (जैसे केला), बेसन के लड्डू या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
  • अर्चना: केले के पेड़ की पूजा करना भी इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। केले के पेड़ में जल अर्पित करें, हल्दी, चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं, तथा दीपक जलाकर परिक्रमा करें।
  • मंत्र: ह्यॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना फलदायी होता है।

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