Lord Ganesh Puja: जानें बुधवार को ही क्यों होती है भगवान गणेश की पूजा

0
51
Lord Ganesh Puja: जानें बुधवार को ही क्यों होती है भगवान गणेश की पूजा
Lord Ganesh Puja: जानें बुधवार को ही क्यों होती है भगवान गणेश की पूजा

भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से संकट और दुख होते है दूर
Lord Ganesh Puja (आज समाज), नई दिल्ली: बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है। मनुष्य के सभी संकट और दुख दूर हो जाते है। ज्योतिष में, बुध ग्रह को बुद्धि, ज्ञान, और वाणी का कारक माना जाता है। गणेश जी को भी बुद्धि, ज्ञान, और विघ्नहर्ता का देवता माना जाता है। इसलिए, बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

बुधवार को सौम्यवार भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है शांत या सौम्य दिन। गणेश जी का स्वभाव भी शांत और सौम्य है, इसलिए बुधवार को उनकी पूजा करने से मन शांत होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। बुधवार के दिन क्यों की जाती है श्री गणेश की पूजा भगवान गणेश की पूजा बुधवार के दिन करने से एक कहानी जुड़ी हुई है।

बुधदेव ने अपना दिन भगवान गणेश को किया समर्पित

माना जाता है कि माता पार्वती ने जिस दिन भगवान गणेश को निर्मित किया था, उस दिन कैलाश पर बुधदेव भी उपस्थित थे। बुधदेव ने जब विनायक के दर्शन किए, तो उन्होंने प्रसन्नतापूर्वक अपना दिन यानी बुधवार को भगवान गणेश को समर्पित कर दिया। इस कारण बुध ग्रह के प्रतिनिधि दिन बुधवार के दिन श्री गणेश की पूजा की जाती है।

ऐसे करें भगवान गणेश को प्रसन्न

  • बुधवार के दिन भगवान गणेश के साथ ही बुध देव की भी पूजा करें। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और बुध देव की भी कृपा प्राप्त होती है।
  • बुधवार के दिन पूजा में गणेश जी को मोदक का भोग जरूर लगाएं। इससे बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। वहीं शमी के पत्ते अर्पित करने से बुद्धि-विवेक में वृद्धि होती है।
  • बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करें और घर से सौंफ खाकर निकलें। इससे कार्य में सफलता मिलती है।
  • अविवाहित लोग पूजा में भगवान गणेश को पीले रंग के मिष्ठान का भोग लगाएं। इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
  • बुधवार को गणेश जी को शमी के पत्ते चढ़ाने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
  • बुधवार को गणेश जी के साथ-साथ बुध देव की भी पूजा करें, इससे गणेश जी और बुध देव दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

भगवान गणेश की लेखन गति थी बहुत तेज, वेदव्यास ने गणेश जी को चुना महाभारत लिखने के लिए

माना जाता है कि गणेश जी केवल बुद्धि और मंगल कार्यों के ही देवता नहीं है बल्कि भगवान गणेश की लेखन गति भी बहुत तेज थी। यही कारण था कि वेदव्यास ने महाभारत को लिखने के लिए गणेश जी को चुना था।

जिस महाभारत को लिखने में कोई और देवता सदियां लगा देता, उस महाभारत को वेदव्यास के कहने पर गणेश जी ने लिखा था। भगवान गणेश को पूरी महाभारत लिखने में तीन साल का समय लग गया था।

ये भी पढ़ें : जानें आज का पंचाग और क्या कहती है आपकी राशि

ये भी पढ़ें : प्रदोष व्रत आज, भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में आएगी सुख, समृद्धि, मनोकामना होगी पूर्ण