Dussehra: दशहरा आज जानें पूजा का मुहूर्त

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Dussehra: दशहरा आज जानें पूजा का मुहूर्त
Dussehra: दशहरा आज जानें पूजा का मुहूर्त

जानें किस समय जलेगा रावण, दहन के बाद जरूर करें यह 1 काम
Dussehra, (आज समाज), नई दिल्ली: आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। आज पूरे भारतवर्ष में दशहरा मनाया जा रहा है। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इस दिन सदियों से रावण दहन किया जाता है और शस्त्र पूजन का भी विधान होता है। हर वर्ष आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन यह त्योहार मनाया जाता है।

विजयदशमी पर ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। यही कारण है कि यह तिथि मां दुर्गा से भी जुड़ी हुई है। दशहरा के दिन पूरे देशभर में शाम के समय रावण दहन किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल रावण दहन और शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त कब रहने वाला है।

दशहरा कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 1 अक्टूबर, बुधवार को शाम के 7 बजकर 2 मिनट से दशमी तिथि का आरंभ हो चुका है। वहीं, आज यानी 2 अक्टूबर, गुरुवार के दिन शाम के 7 बजकर 2 मिनट पर दशमी तिथि का समापन होगा। लेकिन शास्त्रीय विधान के अनुसार, उदय तिथि 2 अक्टूबर को पड़ने से इस पूरे दिन को दशमी तिथि माना जाएगा। ऐसे में दशहरा 2 अक्टूबर का रहेगा।

दशहरा पूजा विधि

  • दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान के बाद आपको पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए और गंगाजल से उसे शुद्ध करना चाहिए।
  • इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान राम का जलाभिषेक करना चाहिए और विधिवत पूजा आरंभ करनी चाहिए।
  • पूजा में सबसे पहले धूप, दीप और अगरबत्ती आपको जलानी चाहिए।
  • इसके बाद पीले फूल भगवान राम को अर्पित करने चाहिए और साथ ही पीला चंदन भी श्रीराम को चढ़ाना चाहिए।
  • इसके बाद भगवान राम के मंत्रों का जप श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ आपको करना चाहिए।
  • वहीं विजयदशमी के दिन श्रीराम जी के साथ ही आप भगवान विष्णु की पूजा और उनके मंत्रों का जप भी कर सकते हैं।
  • पूजा में आपको भोग के रूप में तुलसी के पत्ते भी अवश्य अर्पित करने चाहिए।
  • पूजा के अंत में श्रीराम जी की आरती का पाठ करना चाहिए और घर के लोगों में प्रसाद का वितरण करना चाहिए।

शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त

2 अक्टूबर को दोपहर के 2 बजकर 9 मिनट से लेकर 2 बजकर 56 मिनट तक दशहरा पूजन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त रहेगा। इस दौरान शस्त्र पूजन करना सबसे शुभ होगा। मान्यता है कि विजय मुहूर्त में व्यक्ति जो भी नया या शुभ काम करेगा उससे कई गुना फल की प्राप्ति होगी। कहा जाता है कि इस दिन दसों दिशाएं खुली रहती हैं। ऐसे में इस मुहूर्त में आप कोई नया काम या नया सामान खरीद सकते हैं। इससे जातक को कई गुना तरक्की प्राप्त हो सकती है।

रावण दहन का शुभ मुहूर्त

2 अक्टूबर, गुरुवार के दिन शाम को प्रदोष काल के समय 6 बजकर 6 मिनट से लेकर 7 बजकर 19 मिनट तक रावण दहन के लिए सर्वोत्तम समय रहेगा। इस अवधि के दौरान रावण जलाना सबसे उत्तम होगा, लेकिन विशेष परिस्थिति में 7 बजकर 45 मिनट तक भी रावण दहन किया जा सकता है।

रावण दहन के बाद जरूर करें यह काम

मान्यता है कि रावण जलने के बाद एक छोटा सा काम जरूर करना चाहिए। इसके लिए जब दशहरा के दिन रावण पूरी तरह जल जाए, तो उसमें से बची थोड़ी लकड़ी या राख को घर में लाकर रखना चाहिए।

इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां किसी भी व्यक्ति की उस पर नजर न पड़ पाए। इस उपाय को करने से जातक के घर से नकारात्मक ऊर्जा हमेशा दूर रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।