Ganesh Chaturthee: जानें गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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Ganesh Chaturthee: जानें गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Ganesh Chaturthee: जानें गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

27 अगस्त को शुरू होगा गणेश चतुर्थी का पर्व
Ganesh Chaturthee, (आज समाज), नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र व कर्नाटका में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी।

वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को लदोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।

पूजा का शुभ मुहूर्त

गणेश जी की स्थापना का सबसे शुभ समय मध्याह्न होता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न काल में गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।

गणेश स्थापना पूजा विधि

  • गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
  • शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें।
  • वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
  • पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
  • सबसे पहले ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
  • भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
  • भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
  • इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।
  • अंत में पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश की आरती करें।

इन व्यजंनों का लगाए भोग

सूखे मेवे वाला मोदक: सूखे मेवों और घी की महक वाला यह मोदक बिना चीनी का बनाया जाता है, जो इसे हेल्दी बनाता है।

सामग्री: खजूर (बीज निकाले हुए), काजू, बादाम, किशमिश, नारियल का बुरादा, घी

विधि: काजू-बादाम को सूखा भून लें, फिर नारियल भूनकर अलग रखें। घी में खजूर को नरम होने तक भूनें और किशमिश डालें। ठंडा होने पर सभी मेवे काटकर खजूर में मिलाएं. मोदक मोल्ड में भरकर आकार दें और भोग के लिए तैयार करें।

सतोरी: महाराष्ट्र की मशहूर मिठाई जो खोया, खसखस और बेसन से बनती है।

सामग्री: खोया, खसखस सूखा खजूर पाउडर, चीनी या खजूर चीनी, घी, मैदा या बेसन, दूध

विधि: मैदा का आटा गूंथकर अलग रखें। घी में खोया सुनहरा होने तक भूनें, खसखस और सूखा खजूर पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण को आटे में भरकर मोटी चपाती बेलें और घी में सेंक लें।

नारियल चावल: दक्षिण भारत का यह लोकप्रिय भोग नारियल दूध में पकाए चावल से बनता है।

सामग्री: चावल, नारियल दूध, पानी, लौंग, दालचीनी
प्याज, हरी मिर्च, टमाटर, तेल, नमक

विधि: तेल में लौंग-दालचीनी, काजू, प्याज और मिर्च भूनें। टमाटर डालकर पकाएं, फिर चावल डालें। नारियल दूध, पानी और नमक डालकर धीमी आंच पर पकाएं।

श्रीखंड: ठंडा और मीठा भोग जो हंग कर्ड और गुड़ से बनता है।

सामग्री: हंग कर्ड, गुड़ पाउडर, इलायची पाउडर, केसर, गुलाब जल, सूखे मेवे

विधि: हंग कर्ड में चीनी, इलायची पाउडर और केसर वाला दूध डालें। अच्छे से फेंटें जब तक मिश्रण स्मूद और क्रीमी न हो जाए। तैयार श्रीखंड को कम से कम 1 घंटे के लिए फ्रिज में रखें ताकि स्वाद और टेक्सचर बेहतर हो जाए। ऊपर से कटे हुए मेवे डालें और ठंडा-ठंडा परोसें। इसे पूरी या पराठे के साथ भी खाया जा सकता है।

पायसम: दक्षिण भारत की खास खीर जो गुड़ और नारियल के साथ बनती है।

सामग्री: चावल, दूध, गुड़, इलायची, केसर, काजू, बादाम, किशमिश

विधि: चावल को दूध में पकाएं, फिर गुड़ और इलायची डालें। घी में मेवे भूनकर डालें और गरमागरम या ठंडा परोसें।

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