चंडीगढ़ पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दो दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू होगा।  इस दौरान इन कृषि कानूनों के खिलाफ बिल लाया जाएगा।सत्र में कृषि कानूनों पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से विधेयक पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार इन कृषि कानूनों के खिलाफ वैधानिक, कानूनी और अन्य सभी तरीकों के द्वारा लड़ाई लड़ेगी।मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया कि सोमवार को विधानसभा के शुरू हो रहे विशेष सत्र से पहले कृषि कानूनों का मुकाबला करने के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा । मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले यह भी कहा था कि वह राज्य के कानूनों में जरूरी संशोधन करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे, जिसमें केंद्र सरकार के कानूनों के प्रभाव को नकारा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा था कि इन कानूनों को को किसानों के साथ-साथ राज्य के कृषि क्षेत्र और अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए बनाया गया है।
कैबिनेट के इस फैसले से पंजाब के राज्यपाल को 15वीं विधानसभा का 13वें (विशेष) सत्र को बुलाने के लिए अधिकृत किया गया है। जिक्रयोग्य है कि 15वीं पंजाब विधानसभा का 12वां सत्र 28 सितंबर, 2020 को समाप्त हुआ था, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा लाए गए ‘किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहित करने और आसान बनाने) बिल-2020’, ‘किसानों के (सशक्तिकरण और सुरक्षा) कीमत का भरोसा और कृषि सेवा संबंधी करार बिल-2020’ तथा ‘ज़रूरी वस्तु (संशोधन) बिल-2020’ को रद्द करने के लिए सदन में बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित किया गया था।
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