Jind News : कमेटी ने मदद को उठाए हाथ, स्वास्थ्य विभाग ने नकारा

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Jind News : कमेटी ने मदद को उठाए हाथ, स्वास्थ्य विभाग ने नकारा
सीएचसी अलेवा में खाने के मामले को लेकर सीएचसी में मेडिकल आफिसर डॉ. विरेंद्र से मिलते कमेटी सदस्य।
  • मिला आश्वासन अब नहीं रहेगी कोई जच्चा भूखी
  • बोली सिविल सर्जन: एनएचएम में बजट की कमी, निदेशालय को लिखा पत्र, जच्चा को मिलता रहेगा खाना

(Jind News) जींद। सीएचसी अलेवा में सोमवार को जच्चा को खाना नहीं मिलने के मामले मेें मंगलवार को समाजसेवी मास्टर सुरजभान अलेवा की अध्यक्षता में गांव की कमेटी सीएचसी अलेवा पहुंची और जच्चा को खाना नहीं मिलने के मामले में सीएचसी मेडिकल आफिसर डा० विरेंद्र से विस्तार से बात कर सभी जच्चाओं को खाना आदि पेश करने की बात कही लेकिन मेडिकल आफिसर ने कमेटी को अपने स्तर पर यह सब प्रबंध करने की बात कह कर भविष्य में ऐसा नहीं होगा की बात कह कर कमेटी को संतुष्ट किया।

गौरतलब है कि गांव गोहियां निवासी पीडि़त महिला की सासु मां अजमेरो उर्फ जगीरो ने बताया था कि उसके लडक़े की पत्नी सपना ने सोमवार सुबह छह बजे के करीब सीएचसी अलेवा में एक स्वस्थ लडक़ी को जन्म दिया था। महिला के प्रसव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जच्चा को पीने के लिए दूध तो उपलब्ध करवा दिया लेकिन भोजन के मामले में कर्मचारी जच्चा के हाथों में एक बिस्किट का पैकट देकर चलते बने।

जिसके कारण आखिर में उनको घर से खाना आदि मंगवा कर खाना पड़ा। अजमेरो ने सवाल उठाया कि यूं तो सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाने की बात कहती है  लेकिन धरातल पर खाना तक नहीं दिया जाता है। इस अवसर पर समाजसेवी कमेटी सदस्य गोशाला प्रधान राजकुमार, जोगिंद्र, वेदपाल, रमेश शर्मा,  रमेश चहल आदि उपस्थित थे।

मई महीने में हुई आठ डिलीवरी लेकिन खाना एक को भी नसीब नही

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएचसी अलेवा में मई महीने में अबतक आठ के करीब महिलाओं के डिलीवरी हुई हैं लेकिन खाना एक भी प्रसव पीडि़त महिला को नही मिला( हांलाकि सोमवार को जच्चा को खाना नहीं मिलने का मामला तूल पकड़ता देखकर दो बजे के करीब गोहियां निवासी जच्चा सपना को स्वास्थ्य विभाग ने खाना उपलब्ध करवा वाहवाही लूटने का काम किया लेकिन अगर मामले को पीछे जोड़ कर देखें तो काफी संख्या में ऐसी जच्चा मिलेगी।

जिनको प्रसव के बाद विभाग द्वारा दिए जाने वाले खाने का एक भी दाना तक नसीब नही हुआ होगा। इसके लिए कमेटी ने मंगलवार को मेडिकल आफिसर से मिलकर भविष्य में ऐसा किसी जच्चा के साथ ऐसा नहीं करने की बात कही है ताकि उनके गांव का नाम जच्चा को खाना नहीं मिला के मामले में बदनाम न हो।

डाइट प्रभारी व अधिकारियों के अलग-अलग सुर

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा डाइट प्रभारी के बातों पर अमल किया जाए तो सब अलग-अलग सुर में बात करते नजर आ रहे हैं। सीएचसी डाइट प्रभारी पूनम ने माना कि सीएचसी में प्रसव के बाद महिलाओं को चार से पांच दिनों तक खाना नही मिला। जबकि अधिकारियों ने सिविल सर्जन को सौंपी जांच में प्रसव के बाद महिलाओं को खाना देने की बात कही है। जबकि मामले को लेकर गोहियां निवासी पीडि़त की सासु मां डाइट प्रभारी के बातों का समर्थन करती नजर आ रही हैं लेकिन मामला जो भी हो, सीएचसी अलेवा में जच्चा कर्मचारियों की मनमानी की शिकार हो रही है।

जच्चा को मिला खाना : सिविल सर्जन

नागरिक अस्पताल जींद की सिविल सर्जन डा. सुमन कोहली ने बताया कि मामले को लेकर जांच करवाई है। जांच में जच्चा को खाना दिए जाने की बात सामने आई है। हालांकि एनएचएम में बजट की कमी है। इसको लेकर निदेशालय को पत्र लिखा है लेकिन बजट के अभाव में किसी जच्चा को खाने के बिना नहीं रहने दिया जाएगा।

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