Jind News : आधुनिकता के इस दौर में हमें भी तकनीकि के साथ मिल कर चलना है : पंडित विनोद शर्मा

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In this era of modernity, we too have to move ahead with technology Pandit Vinod Sharma
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विनोद शर्मा।
  • आज शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिये कोई भी इंसान आगे बढ़ सकता है : पंडित विनोद शर्मा
  • श्री ब्राह्मण संस्कृत महाविद्यालय रामराये में पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) की रखी आधारशीला

Jind News(आज समाज नेटवर्क )जींद। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने कहा कि रामराये से उनका पुराना रिश्ता है। उन्होंने हमेशा समाज के प्रति सेवाभाव को त्वज्जो दी है। कभी भी अपने असूलों के साथ समझौता नही किया है। आज शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिये कोई भी इंसान चाहे वह गरीब है, चाहे अमीर है वो आगे बढ़ सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा रविवार को गांव रामराये स्थित श्री ब्राह्मण संस्कृत महाविद्यालय रामराये में पहुंचे। यहां उन्होंने पंडित केदारनाथ शर्मा संस्कृत भवन (एआई) की आधारशीला रखी और कार्यक्रम को संबोधित किया।

हमें अपनी विरासत और अपने संस्कारों को बचाना है

पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विनोद शर्मा ने कहा कि जब हमारा देश आजाद नही था, भले ही हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था या मुगलों का गुलाम था। उसे जमाने में हमारे समाज को पीछे रखने के लिए शिक्षा का जो प्रचलन था, उसे पर रोक लगी। बिहार में नालंदा यूनिवर्सिटी में जितने स्क्रिप्चर्स से इतनी बुक्स थी, इतनी नॉलेज थी कि उसे यूनिवर्सिटी के किताबों के जो संग्रह था, वो समाज के लिए बेहद लाभदायक था। हमारी विरासत की जो नॉलेज है, जो हमारे संस्कार है, जो रिसर्च है वो एक दिन में नही बने हैं। हमें अपनी विरासत और अपने संस्कारों को बचाना है।

संस्कृत महाविद्यालय का योगदान हमें अपने संस्कारों के नजदीक लाता है

पंडित विनोद शर्मा ने कहा कि आज आधुनिकता के इस युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके फायदे और नुकसान भी बहुत जल्द देखने को मिलेंगे। किसी भी चीज का फायदा और नुकसान दोनों होते हैं लेकिन आप इस से दूर रह क र इस दुनिया में जी नही सकते हैं। ऐसे में आधुनिकता के इस दौर में हमें भी तकनीकि के साथ मिल कर चलना है।पंडित विनोद शर्मा ने कहा कि अगर इंटरनेशनल लेवल पर अपने अपने आपको आगे ले जाना है तो इस वन ऑफ द कोर्स यू हैव टू एडेप्टेड। साथ ही हम हमारी संस्कृति भी जीवित रखें। पौराणिक समय में हम लोगों को शिक्षा से दूर रखने का मतलब था कि हम लोग अपने हक को ना जान सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृत महाविद्यालय का योगदान हमें अपने संस्कारों के नजदीक लाता है।

प्रदेश की राजनीति यहीं से शुरू होती है,राजनीति का जो छक्का लगता है, वो जींद की धरती से चलता है

हमें अपने संस्कारों को, हमारे धर्म ग्रंथों को, हमारे पुराणों को, हमारे वेदों को समझने की क्षमता देता है। उन्होंने जींद की धरा को लेकर कहा कि प्रदेश की राजनीति यहीं से शुरू होती है। राजनीति का जो छक्का लगता है, वो जींद की धरती से चलता है।पंडित विनोद शर्मा ने कहा कि हम सभी को समाजहित के लिए काम करना है। सबको साथ लेकर व मिलकर काम करना है। न तो मैं कोई नेता हूं और न ही कोई बडा वक्ता। मैं आप सबका बेटा और भाई हूं।

हर किताब में लिखा होता था कि एक गरीब ब्राह्मण। भले ही वह गरीब माना जाता लेकिन क्या उसकी शिक्षा से गरीब तो नही था। जो ज्ञान ब्राह्मण ने दिया वो कोई और नही दे सकता। इस मौके पर एचडी गौतम, रिषिकांत शर्मा, हरिराम दीक्षित, फूल कुमार शास्त्री, गंगा प्रसाद, नरेंद्र भट्ट, धर्मवीर पिंडारा, रिषिकांत शर्मा, देवेंद्र शर्मा, रतनलाल, महावीर कौशिक सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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