Jind News : लिंगानुपात में सुधार के लिए जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित

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Jind News : लिंगानुपात में सुधार के लिए जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित
बैठक में दिशा-निर्देश देते हुए एडीसी विवेक आर्य।
  • लिंग जांच तथा अवैध रूप से एमटीपी किट बेचने वाले नेटवर्क को तोडऩे की कवायद
  • लिंग जांच, भू्रण हत्या के विरुद्ध विशेष अभियान चला किया जाएगा जनजागरूकता का विस्तार : एडीसी

(Jind News) जींद। जिले में लिंगानुपात में और अधिक सुधार लाने के लिए सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित जिला स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने लिंगानुपात से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त विवेक आर्य ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में लिंगानुपात चिंताजनक स्तर पर है, उन्हें चिन्हित कर विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं तथा क्षेत्रवार रणनीति के अनुसार कार्य किया जाए।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भू्रण लिंग जांच व अवैध गर्भपात जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिले में लिंग जांच तथा अवैध रूप से एमटीपी किट बेचने वाले नेटवर्क पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्य में संलिप्त व्यक्तियों की सूचना देने वाले नागरिकों को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक लाख तक की धनराशि दी जाती है।

अवैध बिक्री से संबंधित नागरिक हैल्पलाइन नंबर 8708886583

वहीं गैरकानूनी गर्भपात की सूचना देने अथवा डिकॉय ऑपरेशन में सहयोग करने पर 10 हजार से 20 हजार तक की इनाम राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि भ्रूण लिंग जांच, अवैध गर्भपात अथवा एमटीपी किट की अवैध बिक्री से संबंधित किसी भी सूचना के लिए नागरिक हैल्पलाइन नंबर 8708886583 पर संपर्क कर सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत जिले के सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को नियमित रूप से औचक निरीक्षण के दायरे में लाया जाए और इस कानून के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

रेड, येलो एवं ग्रीन जोन के वर्गीकरण के संदर्भ में उन्होंने बताया कि जींद जिले में वर्तमान लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 932 लड़कियों का है। जिन गांवों में लिंगानुपात 850 से कम है, उन्हें रेड जोन, 850 से 900 के बीच येलो जोन और 900 से अधिक वाले गांवों को ग्रीन जोन में वर्गीकृत किया गया है।

संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए कि रेड जोन वाले गांवों की विशेष निगरानी की जाए और वहां के प्रत्येक प्रकरण की समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत की जाए। बैठक में एएसपी सोनाक्षी सिंह, सीटीएम डा. आशीष देशवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुमन कोहली, डिप्टी सीएमओ डा. पाले राम कटारिया,  जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सीमा रोहिल्ला सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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