- एफएलएन के तहत बच्चों को अनुभव व रचनात्मक आधारित कार्य करने के अवसर मिलेंगे
- बच्चे गृह कार्य माता-पिता के साथ मिल कर करेंगे
(Jind News) जींद। एक जून से विद्यार्थियों के ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए एफएलएन के तहत रचनात्मक, व्यवहार ग्रीष्मकालीन गृहकार्य तैयार किया गया है। इसके लिए विद्यार्थियों को अनुभव आधारित कार्य करने के अवसर मिलेंगे। विद्यार्थियों को गतिविधि आधारित गृहकार्य अपने परिवार के बड़े सदस्यों के सहयोग से करने होंगे।
यह गृहकार्य माता-पिता के साथ मिलकर किया जाना है। ग्रीष्मावकाश में गांव और परिवार का इतिहास, भोजन का उपयोग और पाक कला, मेहनत के प्रति सम्मान, पुस्तकों का अध्ययन, दादा-दादी, नाना-नानी से वार्तालाप, कार्यस्थल का भ्रमण, पेड़ व पौधों का संरक्षण एवं पशु पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता, टीवी मोबाइल से दूरी, डाकघर बचत खातों का संचालन, स्वच्छ भारत अभियान के तहत आसपास की सफाई जैसी गतिवधियां शामिल हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस प्रकार की गतिविधियां विद्यार्थियों को नया अनुभव प्रदान करेगा और उनके जीवन में उत्साह लाएगा।
जीवन कौशल से संबंधित गतिविधि आधारित गृहकार्य देने के आदेश दिए
इस दौरान वे अपनी छुट्टियों का आनंद लेंगे। यह समय उन्हें कुछ नया सीखने और करने का अवसर प्रदान करता है। वे कोई नया शौक जैसे संगीत सीखना, नई भाषा सीखना या बुनाई आदि शुरू कर सकते हैं। शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ज्वॉयफ ुल एक्टिविटी के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गृहकार्य के अतिरिक्त जीवन कौशल से संबंधित गतिविधि आधारित गृहकार्य देने के आदेश दिए हैं। ग्रीष्मावकाश में अध्यापकों द्वारा जो गृहकार्य दिया जाता है वह अधिकतर पाठ्यक्रम पर आधारित होता है।
जबकि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी का चहुंमुखी विकास करके उसे आत्मनिर्भर, कुशल तथा सभ्य नागरिक बनाना है। इसलिए गृहकार्य इस प्रकार दिया जाए। जिसके माध्यम से विद्यार्थी जीवन कौशल भी सीख सकें। वह पर्यावरण और जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशील होए परिवारों के प्रति उसकी सोच अधिक से अधिक व्यापक बनाते हुए व्यापक तथा प्रायोगिक बन सके और परिजनों के साथ जुड़ाव और रिश्तों को अधिक व्यापक बनाते हुए मजबूत करें।
अनुभव आधारित होगा गृहकार्य : राजेश
एफएलएन जिला कोऑर्डिनेटर राजेश वशिष्ठ ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विद्यार्थी अनुभव आधारित गृह कार्य में भाग लेंगे। इस दौरान गृहकार्य में बच्चों के घर के बड़े सदस्य भी सहयोग करेंगे। पुस्तकों का अध्ययन, दादा-दादी, नाना-नानी से वार्तालापए पेड़ व पौधों का संरक्षण जैसे गतिविधियां होंगीए जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने में मदद मिलेगी।
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