
- योग की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’
पीएम ने 3 लाख लोगों के साथ किया योग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग दिवस के मौके पर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में मौजूद रहे और उन्होंने यहां लगभग तीन लाख लोगों के साथ योग किया। मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण भी उपस्थित रहे। उन्होंने भी प्रधानमंत्री के साथ योग करके प्रदेशवासियों को इसके लिए प्रेरित किया। प्रोग्राम में 50 लाख से ज्यादा योग प्रमाणपत्र भी बांटे गए। कार्यक्रम में 50 लाख से अधिक प्रमाणपत्र भी बांटे गए। इस तरह आंध्र प्रदेश सरकार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। राज्य ने योग आंध्र अभियान भी शुरू किया है जिसका मकसद राज्य में 10 लाख लोगों की प्रतिदिन योग करने वाली कम्युनिटी बनाना है।
शांति की दिशा दिखाता है योग : पीएम
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग का मतलब बताया और यह भी बताया कि हर व्यक्ति के लिए योग कितना जरूरी और फायदेमंद है। उन्होंने कहा, योग का मतलब जोड़ना है। योग ने पूरी दुनिया को जोड़ने का काम किया है। पीएम ने योग को पॉज बटन की तरह बताया है। उन्होंने कहा, आज विश्व में तनाव, अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसी स्थिति में योग शांति की राह दिखाता है।
योग को करोड़ो लोगों ने बना लिया है जिंदगी का हिस्सा
प्रधानमंत्री ने बताया कि योग को आज करोड़ो लोगों ने अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया है। उन्होंने कहा, जब मैं दिव्यांग साथियों को ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते देखता हूं और वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में योग करते देखता हूं तो मुझे बहुत गर्व महसूस होता है। यही नहीं आज के समय में हर गांव में युवा साथी योग ओलिंपियाड में हिस्सा लेते हैं।
नौसेना के जहाज, एवरेस्ट की चोटियां पर भी योग
बता दें कि आंध्र की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने विशाखापट्टनम में समुद्र के किनारे योग कार्यक्रम आयोजित किया था और इसी दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पीछे मुड़कर देखा और बताया कि अभी उधर नौसेना के जहाज में भी योग कार्यक्रम चल रहा है। उन्होंने कहा, समुद्र हो या एवरेस्ट की चोटियां अथवा ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, सब जगह से इस मौके पर एक ही संदेश आता है कि योग सबका का है और यह सब लोगों के लिए है।
‘पॉज बटन’ की तरह है योग
कई क्षेत्रों में ये हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे समय में योग हमें शांति की राह दिखाता है। यह उस ‘पॉज बटन’ जैसा है जिसकी इंसानियत को आवश्यकता है- ताकि सांस ले सकें, रुक सकें, संतुलन बना सकें और फिर से खुद को पूर्ण महसूस कर सकें। मोदी ने कहा, योग को न केवल निजी अभ्यास बनाएं, बल्कि इसे वैश्विक साझेदारी का जरिया बनाएं। लोकनीति का हिस्सा बनाएं।
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