S. Jaishankar on US Tariff : भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा : एस. जयशंकर

0
69
S. Jaishankar on US Tariff : भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा : एस. जयशंकर
S. Jaishankar on US Tariff : भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा : एस. जयशंकर

अमेरिकी टैरिफ की उच्च दर लागू करने की भारतीय विदेश मंत्री ने की आलोचना

S. Jaishankar on US Tariff (आज समाज), नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर से अमेरिकी टैरिफ के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ हर जरूरी कदम उठाएगी ताकि देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जा सके। अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे उच्च टैरिफ पर विदेश मंत्री ने इसे अमेरिका की दोहरी नीति बताया। उन्होंने कहा कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, बल्कि चीन है। जबकि अमेरिका चीन को रियायत दे रहा है और भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा रहा है।

अमेरिका ने टैरिफ के पीछे बताया नया कारण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत पर रूस से तेल खरीदकर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया है। नवारो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत सस्ते दाम पर रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है, इंडियन कंपनियां उसे रिफाइन कर महंगे दाम पर दुनिया में बेच रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे रूस को यूक्रेन जंग के लिए पैसा मिल रहा है, जबकि भारत मुनाफा कमा रहा है। उन्होंने कहा कि वे हमें सामान बेचकर मिलने वाले पैसे से रूसी तेल खरीदते हैं, जिससे तेल कंपनियां खूब पैसा कमाती हैं। इसलिए टैरिफ लगाना जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जंग की शांति का रास्ता भारत से होकर जाता है। नवारो ने कहा कि रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, 27 अगस्त से लागू होगा।

भारत को जहां से सस्त तेल मिलेगा वह खरीदेगा

रविवार को रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए तेल वहीं से खरीदेगा जहां से सबसे अच्छा सौदा मिलेगा। राजदूत कुमार ने अमेरिकी फैसले को अनुचित, गैरवाजिब और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति का मकसद देश के 1.4 अरब लोगों को ऊर्जा सुरक्षा देना है और रूस जैसे देशों के साथ सहयोग से वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता आई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि देशवासियों को सस्ती और स्थिर ऊर्जा मिले। व्यापार एक वाणिज्यिक लेनदेन है और भारतीय कंपनियां वहीं से तेल खरीदेंगी जहां से उन्हें सर्वश्रेष्ठ सौदा मिलेगा।

ये भी पढ़ें : PM Modi Gujarat Visit : पीएम गुजरात को देंगे 54 सौ करोड़ की सौगात