Haryana Registry System, (आज समाज), चंडीगढ: हरियाणा के स्थापना दिवस पर आज से होने वाले बड़े बदलावों में 58 साल पुरानी रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी शामिल है। आज शनिवार से राज्य के 22 जिलों की सभी छोटी-बड़ी तहसीलों में पेपरलेस रजिस्ट्री की व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसी के साथ यह व्यवस्था करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा।
पेपरलेस रजिस्ट्री लागू होने से यह होगा लाभ
प्रदेश के सभी जिलों में 143 तहसीलें व सब तहसीलें हैं। पेपरलेस रजिस्ट्री लागू होने से लोगों को एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। नागरिक संपत्ति की रजिस्ट्री कहीं से भी करवा सकेंगे। सत्यापन, भुगतान व मंजूरी सभी औपचारिकताएं एक एकीकृत पोर्टल के जरिये आॅनलाइन करवाई जा सकेंगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार पेपरलेस रजिस्ट्री की व्यवस्था लागू करने के लिए 500 से अधिक रजिस्ट्री का ट्रायल किया गया है।
सिर्फ डिजिटल सिग्नेचर से ही मान्य होंगी सभी रजिस्ट्री
सभी रजिस्ट्री अब सिर्फ डिजिटल सिग्नेचर से ही मान्य होंगी। इस सिस्टम से दस्तावेज खोने अथवा धोखाधड़ी की समस्या खत्म हो जाएगी। सरकार सूत्रों के अनुसार मैन्युअल शुल्क वसूली बिल्कुल बंद कर दी गई है और सभी लेन-देन ई-गवर्नेंस पेमेंट गेटवे के जरिये होंगे। इससे वित्तीय पारदर्शिता बनी रहेगी और मिसयूज की भी सभी संभावनाएं खत्म हो जाएंगी। 25 नवंबर से आॅटो म्यूटेशन की भी शुरुआत होने जा रही है।
बिना दफ्तर जाए आटोमेटिकली बदल जाएगा मालिक का नाम
संपत्ति का पंजीकरण यानी रजिस्ट्री होने के बाद गवर्नमेंट रिकॉर्ड में उसके मालिक का नाम बगैर कार्यालय गए स्वचालित रूप से बदल जाएगा। साथ ही प्रणाली को जवाबदेह बनाने के मकसद से सभी तहसीलों में क्यूआर-आधारित फीडबैक सिस्टम शुरू किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के नागरिक तुरंत सेवा की रेटिंग कर सकें व किसी तरह की भी अनियमितता की जानकारी दे सकें।
प्रदेश में आज से ये भी अहम बदलाव
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पहले खरीदे गए स्टांप 3 नवंबर यानी अगले सप्ताह सोमवार से 15 नवंबर तक मान्य होंगे। अगर जरूरी हो तो गवाह भी डिजिटली बदले जा सकेंगे। इसके अलावा डीड राइटर्स को मैनुअल ड्राफ्टिंग क्लोज करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि केवल पोर्टल द्वारा तैयार की गई आॅनलाइन डीड ही कानूनी तौर पर मान्य होगी। भूमि अभिलेखों से इन डीड्स को स्वत: सत्यापित किया जाएगा व संबंधित अफसरों द्वारा डिजिटल तौर पर दस्तखत किए जाएंगे। आॅफलाइन आवेदन पूरी तरह बंद हैं। सभी निशानदेही आवेदन सिर्फ आॅनलाइन पोर्टल से ही स्वीकार होंगे।
भाषाई अंतर के चलते पंजाब से अलग हुआ था हरियाणा
हरियाणा को अक्सर ‘जाटलैंड’ कहा जाता है। भाषाई अंतर के कारण राज्य 1 नवंबर, 1966 को भाषाई पंजाब से अलग होकर बना था। हरियाणा का काफी ऐतिहासिक महत्व है। महाभारत कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था और पानीपत की तीन प्रसिद्ध लड़ाइयां भी यहीं लड़ी गई थीं। हरियाणा ऐसे शीर्ष खिलाड़ियों को भी जन्म देता रहता है। प्रदेश के प्लेयर विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
चार संभाग, अंबाला, गुरुग्राम, हिसार और रोहतक
हरियाणा देश के सबसे धनी और सबसे औद्योगिक राज्यों में से एक है, जिसने 1960 के दशक की हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रदेश ने भारत के खाद्य उत्पादन में सुधार किया। राज्य के 22 जिलों को चार संभागों—अंबाला, गुरुग्राम, हिसार और रोहतक—में बांटा गया है। गुरुग्राम अब एक प्रमुख आईटी और व्यावसायिक केंद्र है।
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