Free Health Scheme(आज समाज) : मोदी सरकार वर्तमान में कई योजनाएँ चला रही है। सरकार किसानों और कम आय वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न सुविधाएँ प्रदान कर रही है। स्वास्थ्य हर व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अगर कोई बीमार पड़ जाता है, तो दवाइयों और इलाज पर अच्छी-खासी रकम खर्च हो जाती है। इससे बचने के लिए कई लोग पहले से ही स्वास्थ्य बीमा भी करवा लेते हैं, ताकि अचानक बीमारी की स्थिति में आर्थिक बोझ न पड़े। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिनके पास बीमा कराने के पैसे भी नहीं होते।
ऐसे में, देश के गरीब ज़रूरतमंद लोगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत 5 लाख रुपये तक के मुफ़्त इलाज की सुविधा मिलती है। यह योजना देश के करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है। लेकिन आपको यकीन नहीं होगा कि एक राज्य ऐसा भी है जो अभी भी इस योजना से वंचित है।
उद्देश्य गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा
आयुष्मान भारत योजना 2018 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज कराने की सुविधा है। अब, इस योजना के तहत बुज़ुर्गों को भी अलग से इलाज मिल रहा है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक आयुष्मान भारत योजना को मंज़ूरी नहीं दी है। ऐसे में लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। यहाँ, राज्य सरकार ने अपनी एक अलग योजना शुरू की है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच मिल रही है। इस कदम से बुज़ुर्गों और कम आय वाले परिवारों को काफ़ी राहत मिली है।
स्वास्थ्य साथी योजना
इस योजना का नाम स्वास्थ्य साथी योजना है। इसके तहत मरीज़ों को 5 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा मिल रही है। बुज़ुर्गों को भी इस योजना के तहत इलाज मिलता है। स्वास्थ्य साथी योजना के तहत लोगों को एक डिजिटल कार्ड मिलता है। इन कार्डों को दिखाकर राज्य के लोग सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में मुफ़्त इलाज करा सकते हैं।
आपको बता दें कि आयुष्मान योजना में 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 5 लाख का इलाज अलग से दिया जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य साथी योजना में ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है।