Utpanna Ekadashi Tulsi Niyam: उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी से जुड़े इन नियमों का करें पालन

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Utpanna Ekadashi Tulsi Niyam: उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी से जुड़े इन नियमों का करें पालन
Utpanna Ekadashi Tulsi Niyam: उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी से जुड़े इन नियमों का करें पालन

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन और व्रत का है विधान
Utpanna Ekadashi Tulsi Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: उत्पन्ना एकदशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन और व्रत का विधान है। इस दिन व्रत और पूजन से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन तुलसी से जुड़े नियमों का पालन का पालन भी अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन अगर तुलसी से जुड़े इन नियमों का पालन नहीं किया जाता तो मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं।

मार्गशीर्ष मास का महत्व

मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी उत्पन्ना एकादशी कहलाती है, क्योंकि मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर ही जगपालक भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी देवी उत्पन्न हुर्इं थीं। इसके बाद उन्होंने मुर नाम के दैत्य का सिर काट दिया था।

उत्पन्ना एकदशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन और व्रत का विधान है। इस दिन एकादशी देवी की भी पूजा होती है। इस दिन व्रत और पूजन से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • तुलसी को जल न दें: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये कहा जाता है कि तुलसी माता एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। धर्म शास्त्रों में इस दिन तुलसी माता को जल देना वर्जित है, क्योंकि इस दिन जल देने से तुलसी माता का व्रत खंडित होता है।
  • तुलसी के पत्ते न तोड़ें और सफाई का ध्यान दें: एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने के लिए भी मना किया जाता है। साथ ही एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखाना चाहिए। मान्यता है कि तुलसी के पास गंदगी होने से घर में मां लक्ष्मी वास नहीं करतीं।
  • तुलसी को गंदे या जूठे हाथ से न छुएं: एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी को गंदे या जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। माना जाता है कि गंदे या फिर जूठे हाथों से अगर तुलसी को छुआ जाता है, तो इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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