इसके उपरांत नन्हे मुन्नों ने अपनी कविताओं के माध्यम से बताया कि आत्म-परिचय एक प्रक्रिया है जिसमें हम अपने बारे में जानकारी साझा करते हैं, ताकि दूसरे व्यक्ति हमें बेहतर ढंग से समझ सकें। यह हमारे व्यक्तित्व, क्षमताएं, और परिचय के माध्यम से होता है। इसके माध्यम से हम दूसरों के सामर्थ्य, क्षमताएं, और रुचियों के बारे में भी जान सकते हैं। यह हमारे संबंधों को मजबूत और सही ढंग से बनाने में मदद करता है। कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा विषय से संबंधित सामूहिक नृत्य व गायन की सुंदर प्रस्तुति दी गई। जो सभी को मंत्रमुग्ध करने वाली थी।अंत में बच्चों द्वारा प्रस्तुत प्रश्नोत्तरी ज्ञानवर्धक रही। विद्यालय के प्रधानाचार्य मधुप परासर, मीरा मारवाह एवं विद्यालय की शैक्षिक सलाहकार, मंजू सेतिया ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए संदेश दिया कि आत्म-परिचय का होना आपके जीवन में कई महत्वपूर्ण रोल निभाता है। आपका आत्म -परिचय आपके व्यक्तिगत शिक्षा, पेशा, परिवार, शौक, रुचियां, लक्ष्य और अनुभवों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
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