भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा के लिए समर्पित है यह दिन
Gopashtami Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में गोपाष्टमी त्योहार को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से जीवन में समृद्धि आती है। साथ ही साधक का कल्याण होता है, तो चलिए इस दिन का धार्मिक महत्व जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
गोपाष्टमी पर रखें इन बातों का ध्यान
इस दिन सुबह जल्दी उठें। इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें। इस दिन बछड़ों और गायों का भूलकर भी अपमान न करें। गाय और बछड़ों का तिलक करें और उन्हें हर चारा खिलाएं। भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करें। गाय को रोटी गुड़, फल और मिठाई आदि चीजें खिलाएं।
दान-पुण्य अवश्य करें
इस दिन श्रीकृष्ण और गौ माता से आशीर्वाद लें। इस मौके पर दान-पुण्य अवश्य करें। इस दिन किसी से विवाद करने से बचें। इस पावन दिन पर तामसिक भोजन ग्रहण न करें।
जीवन में आती है शांति, सुख और समृद्धि
सनातन धर्म में गोपाष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। यह दिन ब्रज, गोकुल, मथुरा, वृन्दावन, द्वारकाधीश और पुरी में अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर भक्त श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। वहीं, लोग इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों को घंटियों और रंगीन कपड़ों से सजाते हैं और उनकी सेवा करते हैं।
श्रीकृष्ण की आरती
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी कीङ्घ॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥


