Constitution Day Celebrate : चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में मनाया गया जिलास्तरीय संविधान दिवस

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Constitution Day Celebrate : चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में मनाया गया जिलास्तरीय संविधान दिवस
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रूद्राक्ष मिड्ढा।
  • संविधान केवल कानूनी किताब नही बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा : रूद्राक्ष मिड्ढा

Jind News , आज समाज, जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में बुधवार को जिलास्तरीय संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डा. कृष्ण लाल मिड्ढा के प्रतिनिधि के तौर पर उनके बेटे एवं युवा भाजपा नेता रुद्राक्ष मिड्डा ने शिरकत की। कार्यक्रम में भारत का संविधान नामक लघु फिल्म का प्रसारण भी किया गया तथा उपस्थित लोगों को संविधान संहिता का वाचन भी कराया गया व संविधान की शपथ भी दिलवाई गई।

इस अवसर पर उनके साथ जींद के एसडीएम सत्यवान मान, नगराधीश मोनिका रानी, सीआरएसयू की रजिस्ट्रार लवलीन मोहन, सफीदों के तहसीलदार राजेश गर्ग, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश पांचाल, राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य सत्यवान सिंह मलिक सहित प्रशासनिक अधिकारी तथा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

संविधान केवल कानूनी किताब नही बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवा भाजपा नेता रुद्राक्ष मिड्ढा ने कहा कि संविधान केवल कानूनी किताब नही बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा है। संविधान हमें एक सूत्र में पिरोता है, हमारे अधिकारों की रक्षा करता है तथा प्रत्येक नागरिक को समान अवसर प्रदान करने की शक्ति देता है। भारतीय संविधान विश्व का सबसे व्यापक, लोकतांत्रिक और सर्वसमावेशी संविधान है। जो प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार, स्वतंत्रता और गरिमा प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि संविधान न केवल शासन का आधार है बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत, विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों का भी प्रतीक है। भारत की विविधता एकता और लोकतांत्रिक मूल्य ही इसे विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति बनाते है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ  मिट्टी का टुकड़ा नही बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की साझा धड़कन है। संविधान ने भारत को एक दिशा, एक ताकत और एक पहचान दी है।

26 नवंबर 1949 ऐतिहासिक दिन 

संविधान के मार्ग पर चलते हुए देश ने शिक्षा, विकास, तकनीकी और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। आज भारत की शक्ति केवल इसकी भौगोलिक सीमाओं में नही बल्कि इसके नागरिकों की एकताए सहयोग और सहभागिता में निहित है।

उन्होंने बताया कि संविधान दिवस 26 नवंबर 1949 का वो ऐतिहासिक दिन था, जब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनकी समर्पित टीम ने हमें ऐसा संविधान दिया, जिसने सदियों की गुलामी, अन्याय और भेदभाव से ऊपर उठ कर इस देश को समानता, न्याय और स्वतंत्रता के पंख दिए। बाबा साहेब ने कहा था कि मेरा जीवन मेरा संदेश है और मेरा संदेश संविधान में लिखा है। इसलिए इन वाक्यों को आत्मसात करके आज प्रतिज्ञा लें कि हम न केवल अपने अधिकारों की रक्षा करेंगे बल्कि दूसरों के अधिकारों का सम्मान भी करेंगे।

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