Haryana Congress: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का कर सकती है ऐलान

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Haryana Congress: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का कर सकती है ऐलान
Haryana Congress: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का कर सकती है ऐलान

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा कर चुके प्रभारी बीके हरिप्रसाद, 22 अगस्त से शुरू होगा मानसून सत्र
Haryana Congress, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष का ऐलान जल्द ही होने वाला है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू हो रहा है। जोकि 26 अगस्त तक चलेगा। इसलिए 22 अगस्त से पहले ही कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष का नाम फाइनल किया जा सकता है।

अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाने के कारण भाजपा कांग्रेस पर हमलावर रहती है। विधानसभा के शीतकालीन और बजट सत्र की बैठकें बिना नेता प्रतिपक्ष के हो चुकी है। नेता प्रतिपक्ष का चयन न होने के कारण सदन के बाहर और अंदर भाजपा कांग्रेस पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ती है।

मीडिया में भी कई बार कांग्रेस नेताओं को फजीहत का सामना करना पड़ता है। विपक्ष हमेश नेता प्रतिपक्ष के मामले को लेकर कांग्रेस पर हमलावार रहता है। मानसून सत्र में 5 दिन का समय बचा है। अब देखना होगा की कांग्रेस अबकी बार भी सीएलपी लीडर का चयन कर आती है या नहीं

सीएलपी लीडर के चयन में भूपेंद्र हुड्डा की होगी अहम भूमिका

ऐसे में कांग्रेस ने अबकी बार मानसून सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष का चयन करने का फैसला किया है। इसके संकेत कांग्रेस प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने दिए हैं। बीके हरिप्रसाद का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान पूरा प्रयास कर रहा है कि हरियाणा में सीएलपी लीडर बना दिया जाए।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ प्राथमिक तौर पर इसकी चर्चा भी हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि सीएलपी लीडर बनाने में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भूमिका अहम रहने वाली है।

अधिकतर विधायक हुड्डा समर्थक

सीएलपी लीडर के चुनाव में पूर्व सीएम हुड्डा को अहमियत देना कांग्रेस की मजबूरी है। क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस के अधिकतर विधायक हुड्डा खेमे के है। पार्टी दूसरे आॅप्शन पर भी जा सकती है जिसमें सैलजा और हुड्डा दोनों की पसंद का ख्याल रख सकती है। वहीं सीएलपी लीडर के लिए रणदीप सुरजेवाला भी लगातार पार्टी में लॉबिंग कर रहे हैं।

10 महीने में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर पाई कांग्रेस

बता दें कि पिछले साल 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित हो गए थे, लेकिन कांग्रेस अभी तक सीएलपी नहीं चुन पाई है। प्रदेश में विधायकों की संख्या के हिसाब से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी कांग्रेस को ही मिलना है।

6 मार्च को कांग्रेस हाईकमान की बैठक हुई थी इसमें विधायक दल के नेता के नामों पर चर्चा हुई थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम इस बैठक में सबसे आगे चल रहा था।

नेता प्रतिपक्ष के न होने से संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां लटकी

वहीं हरियाणा की भाजपा सरकार भी नेता प्रतिपक्ष नहीं होने से परेशान है। प्रदेश सरकार में कुछ पदों पर नियुक्ति के लिए सरकार के साथ नेता प्रतिपक्ष की भी जरूरत होती है। चयन समिति में कोरम पूरा होने के बाद ही यह नियुक्तियां की जा सकती हैं।

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