- कृषि क्षेत्र की उपेक्षा के खिलाफ भाकियू ने 17 को बड़ा महापंचायत बुलाने का एलान किया
(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। रबी सीजन के ओलावृष्टि प्रभावित रकबे के पीडि़त किसानों को समय पर मुआवजा न जारी करने, कृषि क्षेत्र के दस करोड़ की राशी जमा करवाने के बावजूद ट्यूबवैल कनेक्षन न करने, बिजली दरों में वृद्धि करने जैसे फैसलें लेकर सरकार तानाशाही का परिचय दे रही है। भाकियू सीएम नायबसिंह सैनी को सरकार से इन लंबित मांगों का तुरंत समाधान करने की मांग करती है वरना 17 को राज्य स्तरीय पंचायत आयोजित कर बेमियादी धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।
यह बात भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा की अध्यक्षता में किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने ग्रामीणों को 17 जुलाई के रोष कार्यक्रम का न्यौता देते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि जनसेवा की बजाए कभी किसान भवन कभी बीडीपीओ कार्यालय में रोष कर सरकारी अधिकारियों व सामाजिक संगठनों का शोषण करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन जनता उनका किसी स्तर पर सहयोग नहीं करेगी बल्कि ईमानदार अधिकारियों के साथ है। प्रदेश सरकार किसानों के साथ हर मामले में सौतेला बर्ताव कर रही है।
बिजली दरों में वृद्धि कर सरकार ने गलत फैसला लिया है वहीं किसानों को दो से तीन साल पहले लगभग छह करोड़ की राशी जमा करवाने के बावजूद ट्यूबवैल कनेक्षन जारी न करना सरकार की मनमानी नीतियां है लेकिन किसान की मेहनत की कमाई को सरकार द्वारा डकारने नहीं दिया जाएगा। सरकार अपने व कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बीमा कंपनियों के अनेक फायदे बताती है लेकिन पिछले वर्ष 2023, वर्ष 2024 व मौजूदा वर्ष 2025 की अलग अलग समय में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित रकबे के पीडि़त किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है जिससे किसानों का लगभग पच्चास करोड़ की चपत लगी है।
शासन व प्रशासन जनता के कल्याण के लिए कदम उठाता है लेकिन एचएयू में एक गलत परंपरा की शुरुआत हुई है
यह देरी किसान हितों के कुठाराघात व निजि कंपनियों को लाभ पहुंचाने की नियत है और किसान सरकार की पंूजीपति व्यवस्था का विरोध करते हुए सडक़ों पर उतरने को मजबूर हैं। शासन व प्रशासन जनता के कल्याण के लिए कदम उठाता है लेकिन एचएयू में एक गलत परंपरा की शुरुआत हुई है जिसके समाधान के लिए तुरंत प्रभाव से सरकार को उपकुलपति को बर्खास्त करना चाहिए। कृषि क्षेत्र में डीएपी खाद की किल्लत पर सरकार की लापरवाही को उजागर करते हुए भाकियू ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार अपने गलत फैसलों को जल्द वापस नहीं लेती है तो 17 जुलाई को राज्य स्तरीय पंचायत आयोजित कर सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।
उनके अलावा भाकियू महासचिव ओमप्रकाश उमरवास, नंबरदार एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राजबीर सिंह हंसावास, पूर्व सरपंच गिरधारी मोद, सुधीर, जगबीर सिंह, अभय सिंह, राम अवतार लाड, संदीप कारीमोद, आनंद वालिया, पूर्व सरपंच वेदप्रकाश, कमलसिंह हड़ौदी, सतबीर बाढड़ा, ब्रह्मपाल बाढड़ा, पूर्व सरपंच गिरधारी मोद, भूपसिंह दलाल, कर्णसिंह नंबरदार, ऋषि भांडवा, अजीत जगरामबास, मांगेराम, अजीत सिंह इत्यादि मौजूद रहे।