Chandra Grahan 2025, आज समाज, नई दिल्ली: सनातन धर्म में, सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025 in India) के दौरान, पृथ्वी पर राहु का प्रभाव तीव्र हो जाता है। इन प्रभावों से बचने के लिए कुछ अनुष्ठान और सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।
इस वर्ष, 7 सितंबर को, भाद्रपद पूर्णिमा के शुभ दिन, 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण घटित होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निषिद्ध कार्य करने से जीवन में दुर्भाग्य और कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
सूतक काल (Chandra Grahan 2025)
प्रारंभ: 9 बजकर 58 मिनट से
समाप्ति: 8 सितंबर, सुबह 1:26 बजे
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
भगवान विष्णु और चंद्र देव के पवित्र नामों का जाप करें।
नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
ग्रहण के बाद, पवित्र स्नान करें, अपने घर और मंदिर को गंगा जल से शुद्ध करें और धार्मिक अनुष्ठान करें।
ज़रूरतमंदों को भोजन, अनाज या धन दान करें। ऐसा माना जाता है कि ऐसे दान से समृद्धि और ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें
ग्रहण के दौरान कोई भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा-पाठ करने से बचें।
कुछ भी न खाएँ-पिएँ।
मंदिर के द्वार बंद रखें।
नुकीली या नुकीली वस्तुओं का प्रयोग करने से बचें।
गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिए।
कोई भी शुभ या उत्सव संबंधी कार्य न करें।
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