Chandigarh News(आज समाज नेटवर्क) जीरकपुर। पिछले तीन दिन से बलटाना एरिया से कूड़ा नहीं उठाए जाने के कारण हालात इतने खराब हो गए हैं कि आधा किलोमीटर लंबी सड़क कूड़े से पट चुकी है। सड़क पूरी तरह से बंद हो चुकी है और हर तरफ बदबू फैलने से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। नाराज स्थानीय लोगों ने नगर परिषद जीरकपुर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द सफाई न होने पर कूड़े की ट्रॉलियां भरकर नगर परिषद कार्यालय में डालने की चेतावनी दी।
लोगों का आरोप : सड़क को डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया
बलटाना निवासी हरदीप सिंह, अमरिंदर सिंह, शमशेर सिंह, सलीम, करनेल सिंह, सुखविंदर सिंह, गुरदीप सिंह, सुरिंदर सिंह, कर्म सिंह, चंद्रपाल, नरिंदर सिंह, कमलजीत कौर, कमला, गुफरा, सिंदर कौर और मलकीत कौर ने बताया कि यह कोई डंपिंग साइट नहीं है, बल्कि सड़क है। लेकिन नगर परिषद ने इसे ही कूड़े का डंप बना दिया है।
लोगों ने कहा कि उन्होंने कई बार लिखित शिकायत दी, लेकिन नगर परिषद अधिकारी टालमटोल करते रहे। “वे हमसे ही जगह देने को कहते हैं, जबकि असल में यह नगर परिषद की जिम्मेदारी है।”
स्कूल और डिस्पेंसरी के पास गंदगी, बीमारी फैलने का खतरा
गांववासियों ने कहा कि कूड़े के ढेर से आसपास के स्कूल के बच्चों और डिस्पेंसरी में आने वाले मरीजों की सेहत खतरे में है। बदबू और मच्छरों से पूरे इलाके में बीमारियां फैलने का डर है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि “जीरकपुर नगर परिषद पंजाब की सबसे महंगी नगर परिषद है, लेकिन इसके बावजूद सफाई व्यवस्था पूरी तरह फेल है।”
200 सफाई कर्मचारी, 18 लाख मासिक वेतन, फिर भी कूड़े के ढेर
लोगों ने कहा कि नगर परिषद के पास 200 से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं, जिन पर करीब 18 लाख रुपये महीने खर्च होते हैं। बावजूद इसके, नागरिकों को सफाई करवाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि 19 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री मोदी के जन्मोत्सव पर स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया, लेकिन शहर के कई इलाकों में कूड़े के ढेर नगर परिषद की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं।
कूड़ा क्यों नहीं उठा?
सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद में कूड़ा उठाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली का टेंडर तीन दिन पहले ही खत्म हो गया था। इस कारण पूरे शहर में कूड़ा नहीं उठाया गया। अब नगर परिषद ने डीसी मोहाली को विशेष अनुमति के लिए पत्र लिखा है।
- बलटाना की सड़क पर आधा किलोमीटर तक कूड़ा फैला
- स्कूल और डिस्पेंसरी के पास गंदगी से बीमारी फैलने का खतरा
- नगर परिषद के पास 200 सफाई कर्मचारी, 18 लाख रुपये महीना खर्च
- कूड़ा उठाने वाली ट्रॉलियों का टेंडर खत्म होने से रुकी सफाई
- लोगों ने चेतावनी दी – “नगर परिषद दफ्तर में डालेंगे कूड़ा”
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