Big Breaking: भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने भरी पहली उड़ान

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Big Breaking: भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने भरी पहली उड़ान
  • हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 की दूसरी उत्पादन लाइन का भी उद्घाटन किया

LCA Mk-1A Today Update, (आज समाज), मुंबई: भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने आज पहली बार उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की तीसरी उत्पादन लाइन में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ((एलसीए) ने नासिक संयंत्र (Nashik Plant) से पहली उड़ान भरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की उपस्थिति में उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हुई। सुखोई-30 एमकेआई ने इस अवसर पर उड़ान भरी और एचटीटी-40 की एक फॉर्मेशन उड़ान भी हुई। केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को वायु सेना के लिए 62,000 करोड़ रुपए की लागत से 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद को मंज़ूरी दी थी।

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पहली परीक्षण उड़ान के बाद वाटर कैनन सलामी

एलसीए तेजस एमके 1ए को उसकी पहली परीक्षण उड़ान के बाद वाटर कैनन सलामी भी दी गई। उल्लेखनीय है कि एचएएल ने भारतीय वायु सेना को एलसीए तेजस विमान की तेजी से आपूर्ति के लिए तीसरी उत्पादन लाइन की स्थापना की पहल की है। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर LCA Mk1A की तीसरी उत्पादन लाइन और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (एचटीटी-40) की दूसरी उत्पादन लाइन का भी उद्घाटन किया, जो भारतीय वायुसेना के लिए एचएएल द्वारा डिजाइन और विकसित एक स्वदेशी बेसिक ट्रेनर विमान है। एलसीए की पहली दो उत्पादन लाइनें और एचटीटी-40 की पहली उत्पादन लाइन बेंगलुरु में स्थित हैं।

उत्पादन लाइन की क्षमता प्रति वर्ष आठ विमान

नासिक स्थित इस उत्पादन लाइन की क्षमता प्रति वर्ष आठ विमानों की है। कंपनी के अनुसार, इस तीसरी उत्पादन लाइन के साथ, एचएएल एलसीए एमके1ए के लिए प्रति वर्ष 24 विमानों की कुल उत्पादन क्षमता हासिल कर लेगा। इस तीसरी लाइन के परिणामस्वरूप लगभग 1,000 नौकरियों का सृजन हुआ है और नासिक व  उसके आसपास, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के शहरों सहित, 40 से अधिक उद्योग भागीदारों का विकास हुआ है।

प्रति वर्ष 10 विमानों तक क्षमता का विस्तार की योजना

अतिरिक्त उत्पादन लाइन के साथ, एचएएल मित्र देशों को विमानों के निर्यात को भी लक्षित कर सकता है और बढ़ी हुई उत्पादन दर पर निर्यात आवश्यकताओं को पूरा करने में सुविधा प्रदान करेगा। अगले दो वर्षों में, कंपनी नासिक में अतिरिक्त असेंबली जिग लाइन, टूलिंग और लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स के लिए प्री-इंस्टॉलेशन चेक सुविधाओं की स्थापना के माध्यम से प्रति वर्ष 10 विमानों तक क्षमता का विस्तार करने की योजना बना रही है।

अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होंगे

एचटीटी-40 कार्यक्रम, विशेष रूप से भारत के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में, रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इससे एचएएल में लगभग 1,500 प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। कंपनी का अनुमान है कि आपूर्ति श्रृंखला में शामिल 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में 3,000 तक अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होंगे। कुल उड़ान आवश्यकताओं के अनुसार, भारतीय वायुसेना के पास अतिरिक्त 36 विमानों की अनुवर्ती खरीद का विकल्प है। एचएएल ने कहा, एक किफायती, स्वदेशी प्रशिक्षक के रूप में, एचटीटी-40 में अन्य देशों, विशेष रूप से समान प्रशिक्षण आवश्यकताओं वाले देशों को निर्यात की क्षमता है।

वायुसेना ने प्रमुख दिया है इस बात पर जोर 

वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने युद्ध की तैयारी बनाए रखने के लिए नए विमानों को शामिल करने की तत्काल आवश्यकता पर बार-बार ज़ोर दिया है। इस बीच, एचएएल के अधिकारियों ने कहा है कि उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र के स्थिर होने और एकीकरण संबंधी समस्याओं के समाधान के बाद उन्हें इस आवश्यकता को पूरा करने का विश्वास है।

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