73 Pakistani Agents Arrested In Assam, (आज समाज), गुवाहाटी: असम में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर चल रही कार्रवाई के तहत अब तक कथित तौर पर पाकिस्तानी एजेंट के रूप में काम करने वाले 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज यह जानकारी दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सीएम ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग भारत द्वारा दिए जाने वाले हर विशेषाधिकार का आनंद लेते हैं – वेतन, शक्ति और पद – फिर भी उनकी वफादारी सीमा पार है।
राज्य में आपरेशन सिंदूर की तरह चल रहा मिशन
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा पाकिस्तान से यहां रह रहे लोग भारत से सब कुछ लेते हैं लेकिन केवल पाकिस्तान के हितों के लिए वे काम करते हैं। यह विश्वासघात है। उन्होंने बताया कि आपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की तरह, राष्ट्रविरोधी लोगों को ट्रैक करने और उन्हें दंडित करने का हमारा मिशन चल रहा है। और यह जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो नई गिरफ़्तारियां की गई हैं। फरीदुल इस्लाम और सहाबुद्दीन रैन को गिरफ़्तार किया गया है। इन दोनों गिरफ्तारियों के बाद आॅपरेशन के तहत अब तक गिरफ़्तार लोगों की संख्या 73 हो गई है।
पुलिस के प्रयासों की भी सराहना
मुख्यमंत्री सरमा ने राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपी व्यक्तियों का पीछा करने और उन्हें पकड़ने में असम पुलिस के प्रयासों की भी सराहना की। गिरफ़्तार किए गए व्यक्तियों ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर भारत-विरोधी और पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिए। खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में पहलगाम 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद इन लोगों ने भारत विरोधी बयान दिए।
आतंकियों का समर्थन करने का आरोप
भारत में रहने के बावजूद, इन व्यक्तियों पर पाकिस्तान और असम की धरती से आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद कड़ी कार्रवाई की गई। भारत में रहकर पाकिस्तान या आतंकवाद का समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ़्तार करने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, असम पुलिस ने सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी है।
आपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के अंदरूनी इलाकों में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ये हमले किए गए। हालांकि, त्वरित प्रतिक्रिया में, भारत सरकार ने हमले के एक दिन बाद सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।
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