Apple Farming: सेब की खेती पर संकट

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Apple Farming: सेब की खेती पर संकट
Apple Farming: सेब की खेती पर संकट

मौसम, बीमारी और मंडी ने तोड़ी किसानों की कमर
Apple Farming, (आज समाज), नई दिल्ली: इस साल सेब किसानों के लिए बहुत परेशानियों भरा रहा। हाल ही में सेब के दामों में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन इसका कारण कश्मीर से सेब की सप्लाई में रुकावट था। पूरे सीजन में किसानों को एक के बाद एक मुश्किलों का सामना करना पड़ा। फूल आने के समय बारिश और तूफान ने सेब की पैदावार पर असर डाला।

उसके बाद ओलावृष्टि और समय से पहले पत्तियों का गिरना भी बड़ा कारण रहा, जिससे फल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों खराब हुई। इस वजह से किसान बहुत निराश हैं।

समय से पहले पत्ते गिरने से बाजार जल्दी गिरा

जब पेड़ों से पत्ते समय से पहले गिर गए, तो किसानों को कच्चे फल ही तोड़ने पड़े। इससे बाजार में जल्दी सेब आ गया और दाम गिर गए। इसके साथ ही, मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत सेब खरीदने के केंद्र भी समय पर नहीं खुले, जिससे ग्रेड उ के सेब भी खुले बाजार में चले गए।

बीमारियों से परेशान किसान

कई किसानों का कहना है कि अल्टरनैरिया और मासोर्नीना नाम की बीमारियां सेब के पेड़ों में तेजी से फैल रही हैं। किसान यूनिवर्सिटी की स्प्रे स्कीम को फॉलो कर रहे हैं, फिर भी बीमारी पर काबू नहीं मिल रहा। किसान चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी नई दवाइयों और उपायों पर ध्यान दे।

नकली कीटनाशकों और खाद पर भी चिंता

किसानों का आरोप है कि बाजार में नकली दवाइयां और खाद बेची जा रही हैं। इसलिए बागवानी विभाग को चाहिए कि वह दवाइयों और खाद की जांच करे, ताकि किसान ठगे न जाएं।

खराब सड़कों ने बढ़ाई मुश्किलें

भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से कई सड़कें बंद हो गईं। किसान समय पर सेब नहीं तोड़ पाए और जो तोड़ा गया, वो मंडियों तक नहीं पहुंच पाया। इससे सेब गिरकर सड़ने लगे। सरकार सड़कों को ठीक करने में लगी है, लेकिन नुकसान पहले ही हो चुका है।

मंडियों में भी हो रही गड़बड़ियां

कुछ किसानों ने बताया कि भट्टाकुफर और रोहरू की मंडियों में एक जैसे सेब की कीमत अलग-अलग लगाई जा रही है, जबकि बाकी जगह एक ही रेट होता है। साथ ही, पैकिंग में भी अनियमितता है- जहां एक बॉक्स 22 किलो का होना चाहिए, वहीं कई बॉक्स 24 से 27 किलो तक के निकल रहे हैं।

किसानों की आय हो रही है कम

प्रोग्रेसिव ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकिन्दर बिष्ट ने कहा कि किसानों की चुनौतियां बढ़ रही हैं और उनकी आमदनी कम हो रही है। यह साल किसानों के लिए बहुत निराशाजनक रहा है। सेब किसानों को इस सीजन में मौसम, बीमारियों, बाजार व्यवस्था और सरकारी योजनाओं में देरी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। अगर जल्द ही इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया, तो किसानों की हालत और खराब हो सकती है।

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