अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा, अब यूरोपीय देश लगाएं भारत और चीन पर प्रतिबंद
US Tariff Policy Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : रूस से कच्चा तेल आयात करने पर भारत और चीन के प्रति अमेरिका का पक्षपात पूर्ण रवैया एक बार फिर से उस समय उजागर हुआ है। अब अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने यह कहा है कि अमेरिका चीन के सामान पर कोई नया शुल्क नहीं लगाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब यूरोपीय देशों को चाहिए की वे भारत और चीन पर मोटा शुल्क लगाएं ताकि रूस से कच्चा तेल आयात करने से बाज आएं।
रूस से तेल खरीदना चीन की संप्रभुता का मामला
इस दौरान बेसेंट ने कहा कि चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी तेल खरीदना देश की संप्रभुता का मामला है। उन्होंने कुछ यूरोपीय देशों की आलोचना की, जो रूसी तेल खरीदते हैं या रूस से कच्चा तेल खरीदकर भारत में परिष्कृत उत्पाद मंगाते हैं। उनका कहना है कि ये देश खुद अपने घर में चल रहे युद्ध को वित्तीय मदद दे रहे हैं।
चीन और भारत पर लगना चाहिए मोटा टैरिफ
बेसेंट ने भरोसा जताया कि अगर यूरोप रूसी तेल के खरीदारों पर कड़े शुल्क लगाए, तो यह युद्ध 60 से 90 दिन में खत्म हो सकता है क्योंकि इससे रूस का सबसे बड़ा राजस्व स्रोत बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत में इस शुल्क नीति से काफी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत के आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है, लेकिन यूरोप से उम्मीद है कि वे चीन और भारत पर 50% से 100% तक के भारी शुल्क लगाएंगे। इससे रूस को तेल से मिलने वाली आय बंद हो जाएगी, जो मॉस्को के लिए बड़ा झटका होगा।
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