
5 से 6 लाख एकड़ फसलों को नुकसान
Haryana Flood Situation, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा से गुजरने वाली यमुना, टांगरी, घग्गर, मारकंडा के अलावा छोटी बरसाती नदियां भी उफान पर है। प्रदेश में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। 2 हजार से अधिक गांव में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। कई गांव का शहरों से संपर्क टूट चुका है। प्रशासन द्वारा इन गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, सोनीपत, सिरसा में नदियों की वजह से बड़े पैमाने पर भूमि कटाव हुआ है और तटबंध टूटे हैं। फसलें पानी में डूब चुकी है।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर एक लाख 13 हजार किसानों ने फसलों को नुकसान बता मुआवजा मांगा है। किसानों के मुताबिक अब तक 5 से 6 लाख एकड़ फसलों को नुकसान हुआ है। अंबाला में तो टांगरी-बेगना-मारकंडा नदियों का पानी गुरुवार को नेशनल हाईवे-344 के ऊपर से बहा। हरियाणा के 7,353 गांवों में से अब तक 2,283 गांव जलभराव से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के 8 जिलों में आगामी आदेशों तक स्कूल बंद करने के निर्देश जारी किए जा चुके है।
यमुना के फ्लड गेट 5वें दिन भी खुले
यमुना के फ्लड गेट आज 5वें दिन भी खुले है। जिस कारण यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत व सोनीपत में बड़े पैमाने पर भूमि कटाव हुआ है। नदी किनारे की फसलें डूबी हैं। दिल्ली के ओखला बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर डेंजर लेवल पर है। वर्तमान में यमुना में 2 लाख 44 हजार 478 क्यूसेक पानी बह रहा है।
हाइवे पर आया मारकंडा नदी का पानी

अंबाला व कुरुक्षेत्र में नदी किनारे के गांवों में खतरा बढ़ा मारकंडा व सहायक नदी बेगना अंबाला के मुलाना क्षेत्र में कई जगह ओवरफ्लो हुई। इसका पानी नेशनल हाईवे-344 के ऊपर पहुंच गया। 12 से 15 गांवों में फसलें जलमग्न हुई हैं। मारकंडा का असल नुकसान कुरुक्षेत्र के शाहबाद इलाके में नजर आ रहा है। मारकंडा में नैसी गांव के पास दो बार दरार पड़ चुकी है, जिसकी वजह से आसपास के खेतों में पानी घुस गया। मारकंडा का पानी ठसका मीरांजी गांव को क्रॉस करके हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 152 पर आ गया है।
अंबाला के लिए खतरा बनी टांगरी, मारकंडा-बेगना और घग्गर
अंबाला में टांगरी, मारकंडा-बेगना और घग्गर से खतरा बना हुआ है। टांगरी इस सीजन में दो बार ओवरफ्लो हो चुकी है। गुरुवार को इसमें 43 हजार क्यूसेक पानी दर्ज हुआ। दो बार कम से कम 15 कॉलोनियों में पलायन की नौबत आई। अब बुधवार रात से नदी का पानी नेशनल हाईवे-344 पर बह रहा है। हाईवे की एक साइड बंद करनी पड़ी है। सौभाग्य ये रहा है कि घग्गर अभी दायरे में बह रही है। 2010 व 2023 में घग्गर की वजह से बाढ़ आई थी।
हिसार के 180 गांव में जलभराव
हिसार में बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं। 180 से ज्यादा गांवों में बरसाती पानी भरा है। बारिश पानी से बीमारी ना फैले इसके लिए डीसी अनीश कुमार यादव ने स्वास्थ्य विभाग को हर गांव में फोगिंग करवाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा पब्लिक हेल्थ मिनिस्टर रणबीर गंगवा के गांव में ड्रेन टूट गई, जिससे गांव के भी डूबने की नौबत आ गई है।
सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई। 24 घंटे बाद भी ड्रेन के बांध को ठीक नहीं जा सका है। इसके अलावा सिंघवा माइनर भी सुबह टूट गई जिससे गांव की सैकड़ों एकड़ फसल में पानी भर गया। इसी तरह गांव सुलतानपुर में भी ड्रेनेज ऊपर तक बह रही है। यहां खेत पूरी तरह पानी में डूबे हुए हैं।
3 नेशनल हाईवे पानी में डूबे
वहीं हिसार के तीन नेशनल हाईवे हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-52, हांसी से बरवाला में गुजरने वाले नेशनल हाईवे 148बी और दिल्ली-हिसार नेशनल हाईवे नंबर 9 पानी में डूब गया। यहां भैणी महाराजपुर और मुंढाल में 2 फुट पानी जमा हो गया। वहीं, जिले में रविवार तक सभी स्कूल बंद रखने के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए हैं।
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