कहा, महात्मा गांधी का सपना था सशक्त व समृद्ध भारत का निर्माण
President pays tribute to Mahatma Gandhi (आज समाज), नई दिल्ली : महात्मा गांधी जी की 156वीं जयंती के अवसर पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी महात्मा गांधी की जयंती पर राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि नैतिकता और सदाचार महात्मा गांधी का अटूट विश्वास था जिसका उन्होंने आजीवन पालन किया और जन समुदाय को भी उस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
एक स्वावलंबी, आत्मनिर्भर और शिक्षित भारत के निर्माण के लिए उन्होंने चरखा चलाकर आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। अपने आचरण एवं उपदेशों के माध्यम से वे सदैव श्रम की गरिमा को प्रतिष्ठित करते रहे। उनके जीवन-मूल्य आज भी प्रासंगिक हैं और भविष्य में भी बने रहेंगे। आइए, गांधी जयंती के इस शुभ अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि हम सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र के कल्याण और प्रगति के लिए समर्पित रहेंगे और एक स्वच्छ, समर्थ, सशक्त व समृद्ध भारत का निर्माण करके गांधी जी के सपनों को साकार करेंगे।
महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को दश्ेश छोड़ने के लिए मजबूर किया
दो अक्तूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी अहिंसा और सत्याग्रह के प्रवर्तक थे। उनके विचारों ने लाखों भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में गांधी स्मृति स्थल पर नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। भारत की स्वतंत्रता के कुछ महीने बाद यह घटना हुई। उनका जीवन और बलिदान दुनियाभर में शांति और मानव गरिमा का प्रतीक बना हुआ है।
आज गांधी जी के सिद्धांत र चलना जरूरी
गांधी जयंती हम सभी के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों और जीवन मूल्यों के प्रति स्वयं को पुन: समर्पित करने का अवसर है। गांधीजी ने विश्व को शांति, सहिष्णुता और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया जो संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत है। वह आजीवन अस्पृश्यता, निरक्षरता, नशाखोरी और अन्य सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प से समाज के कमजोर से कमजोर व्यक्ति को संबल और शक्ति प्रदान की।