Business News Hindi : क्या भारत को रूस से मिलने वाला कच्चा तेल होगा कम

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Business News Hindi : क्या भारत को रूस से मिलने वाला कच्चा तेल होगा कम
Business News Hindi : क्या भारत को रूस से मिलने वाला कच्चा तेल होगा कम

रूस जल्द ले सकता है उत्पादन कम करने का फैसला

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : रूस द्वारा उत्पादित किए जा रहे कच्चे तेल पर अमेरिका की पैनी नजर है। अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि रूस द्वारा कच्चा तेल बेचकर जुटाया जा रहा पैसा वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल कर रहा है। एक तरफ अमेरिका यह दबाव बना रहा है कि रूस अपने कच्चे तेल के उत्पादन को कम करे वहीं यूक्रेन ने भी ड्रोन के माध्यम से रूस तेल रिफाइनरी पर अटैक तेज कर दिए हैं।

इससे यह आशंका जताई जा रही है कि रूस जल्द ही कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो जाहिर है कि भारत को भी कच्चा तेल मिलना कम हो जाएगा। जिससे भारत की विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना लाजिमी है। आपको बता दें कि रूस के कच्चे तेल का भारत दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।

भारत इस तरह रूस पर होता गया निर्भर

भारत हमेशा से ही कच्चे तेल के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर रहा है। जरूरत के हिसाब से लगभग सारा तेल भारत दूसरे देशों से आयात करता रहा है। हालांकि 2021 से पहले और इसके बाद भारत का आयात लगातार बदलता गया। इससे पहले जहां भारत अपनी जरूरत का ज्यादात्तर तेल इराक, सऊदी अरब और यूएई, रूस और अमेरिका से करता था। 2021 में रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद यह तस्वीर बदलती गई। आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में भारत का रोजाना तेल आयात 40 लाख बैरल था। इसमें रूस की हिस्सेदारी महज 100,000 बैरल थी। वहीं 2021 के बाद भारत से रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाना शुरू कर दिया और अन्य देशों से कम करना शुरू कर दिया।

दूसरे देशों से कम होता गया आयात

2021 से इराक और सऊदी अरब से तेल की सप्लाई में लगभग 5% की कमी आई है। 2021 वह साल था जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था। इस दौरान यूएई से सप्लाई 3% बढ़ी है। इसके विपरीत छोटे सप्लायरों से होने वाली सप्लाई पर असर पड़ा है। अमेरिका से सप्लाई एक तिहाई कम हो गई है। नाइजीरिया और कुवैत से शिपमेंट आधे हो गए हैं। ओमान और मैक्सिको से शिपमेंट 80% से ज्यादा गिर गए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में भारत का रोजाना तेल आयात 40 लाख बैरल था। इसमें रूस की हिस्सेदारी महज 100,000 बैरल थी। 2022 में रूस से रोजाना सप्लाई 1.76 मिलियन बैरल पहुंच गई। 2025 में रूस अभी भी टॉप पर है। रूस रोजाना औसतन लगभग 1.7 मिलियन बैरल की सप्लाई कर रहा है।

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