गणेश भगवान की पूजा करने से जीवन में आती है सुख-समृद्धि
Ganesh Chaturthi, (आज समाज), नई दिल्ली: पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसलिए यह पर्व भगवान गणेश जी के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन साधक अपने घर पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते है।
10 दिनों तक घर पर भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद गणेश भगवान का पानी में विसर्जन किया जाता है। भगवान गणेश की सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा होती है। भगवान गणेश को सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साधक के जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
27 अगस्त को शुरू होगा गणेश चतुर्थी का पर्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश जी की स्थापना का सबसे शुभ समय मध्याह्न होता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न काल में गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।
गणेश स्थापना पूजा विधि
- गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
- शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें।
- वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
- पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
- सबसे पहले ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
- भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
- भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
- इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।
- अंत में पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश की आरती करें।