Vice President Election : उपराष्ट्रपति का चुनाव वैचारिक लड़ाई : विपक्ष

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Vice President Election : उपराष्ट्रपति का चुनाव वैचारिक लड़ाई : विपक्ष
Vice President Election : उपराष्ट्रपति का चुनाव वैचारिक लड़ाई : विपक्ष

कहा, राजनीतिक जंग में सरेंडर से ज्यादा संघर्ष करना महत्वपूर्ण

Vice President Election (आज समाज), नई दिल्ली : भारत के नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नजदीक आने के साथ ही नए उपराष्ट्रपति की तस्वीर भी लगभग साफ हो चुकी है। हालांकि इस चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपना-अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। लेकिन चुनाव में जीत सत्तापक्ष यानी एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन की तय मानी जा रही है। फिर भी मंगलवार को विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया।

जबकि, संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आंकड़े पूरी तरह से सत्तापक्ष के पास है, जिसने पहले से ही सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा है। वहीं इंडिया ब्लॉक ने साझा बयान जारी करके कहा है, ‘उपराष्ट्रपति का चुनाव वैचारिक लड़ाई है।’ एक विपक्षी सूत्र के मुताबिक उम्मीदवार नहीं देने का मतलब था कि जीत को थाली में परोस कर दे देना। उसके अनुसार राजनीतिक जंग में सरेंडर से ज्यादा संघर्ष करना महत्वपूर्ण है।

एनडीए की स्थिति इसलिए है मजबूत

लोकसभा में सांसदों की कुल संख्या 543 है। इसमें से एक बशीरहाट की सीट खाली है। वहीं, राज्यसभा में कुल 245 सीट हैं। हालांकि, इनमें से 6 सीट खाली है। इस तरह दोनों सदनों में निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या 781 है। ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए किसी भी धड़े को 391 सांसदों की जरूरत होगी। आंकड़ों के मुताबिक सरकार के समर्थन में इस समय करीब 427 सांसद हैं। इनमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के हैं। विपक्ष धड़े इंडिया गठबंधन के पास 355 सांसदों का समर्थन है। इनमें से 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। आंकड़ों में एनडीए गठबंधन के पास स्पष्ट रूप से बहुमत है। चूंकि, इस चुनाव में व्हिप प्रभावी नहीं होता है। ऐसे में कुछ सांसद क्रॉस वोटिंग करके इस चुनाव को रोमांचक बना सकते हैं।

कांग्रेस ने बी सुदर्शन रेड्डी पर इसलिए खेला दांव

जहां तक कांग्रेस की बात है तो वह रेड्डी की उम्मीदवारी से आंध्र प्रदेश के सियासी गणित को बीजेपी के लिए मुश्किल करने की सोच रही है। मतलब, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी एनडीए में उसकी सबसे बड़ी सहयोगी है। वहीं विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने भी एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने का संकेत दिया हुआ है। विपक्ष को लगता है कि जब एक तेलुगू शख्सियत को उपराष्ट्रपति बनाने का मौका मिल रहा है तो इससे मुंह मोड़ना टीडीपी और वाईएसआरसीपी के लिए राजनीतिक तौर पर आसान नहीं होगा।

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