Encounter In Sitapur UP, (आज समाज), लखनऊ: पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में वांछित दो अपराधियों राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अकील को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मार गिराया है। सीतापुर जिले के पिसावां थानांतर्गत जल्लापुर इलाके में बुधवार देर रात मुठभेड़ हुई। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान में दोनों अपराधी मारे गए।
दोनों क्रिमिनल्स पर था एक-एक लाख का ईनाम
सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की 8 मार्च को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद से दोनों अपराधी राजू उर्फ रिजवान और संजय उर्फ अकील फरार थे और उन पर एक-एक लाख रुपए का ईनाम था। घटना के बाद से पुलिस हमलावरों की सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
घर से निकलने के एक घंटे बाद हुई हत्या : परिवार
राघवेंद्र वाजपेयी पारिवारिक सदस्यों के मुताबिक, उन्हें उसी दिन दोपहर करीब 2 बजे एक फोन आया और वे घर से निकल गए। एक घंटे के भीतर ही उनकी हत्या की खबर सामने आ गई। पुलिस ने शुरुआत में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, पर जब स्थानीय जांच में कोई प्रोग्रेस नहीं हुई, तो मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया।
मास्टरमाइंड विकास राठौर उर्फ शिवानंद बाबा
एसटीएफ की जांच आगे बढ़ने पर राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या के मुख्य मास्टरमाइंड (Mastermind) की पहचान कार्यदेव मंदिर के पुजारी विकास राठौर उर्फ शिवानंद बाबा (Vikas Rathore alias Shivanand Baba) के रूप में हुई। जांचकर्ताओं ने पाया कि शिवानंद बाबा मंदिर में रहने वाली नाबालिगों का यौन शोषण करवा रहा था और राघवेंद्र वाजपेयी को कथित तौर पर इस दुर्व्यवहार के बारे में पता चला था और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी थी।
शिवानंद बाबा ने रखे थे भाड़े के हत्यारे, 4 लाख दिए
शिवानंद बाबा ( Shivanand Baba) ने अपने काले करनामों का भंडाफोड़ और कानूनी नतीजों के डर से कथित तौर पर पत्रकार को चुप कराने के लिए उसकी हत्या की योजना बनाई। आगे जांच में पता चला कि शिवानंद बाबा ने हत्या के लिए भाड़े के हत्यारों को काम पर रखा था और उन्हें इस काम के लिए 4 लाख रुपए की पेशकश की थी।
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