UNSC News: भारत का सुरक्षा परिषद के कामकाज में अधिक पारदर्शिता पर जोर

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ।

India On UNSC Functioning, (आज समाज), न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के कामकाज पर अधिक पारदर्शिता पर बल दिया है। साथ ही आतंकी सूचीकरण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश (P. Harish) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के निकाय के तौर पर यूएनएससी की दक्षता, कार्यप्रणाली विश्वसनीयता, पारदर्शिता और प्रभावकारिता बहुत महत्वपूर्ण हैं।

आतंकी अथवा आतंकी संगठन घोषित करने पर यह बोले पी. हरीश 

परिषद की एजेंसियों के कामकाज में ज्यादा पारदर्शिता बरतने का अपील करते हुए हरीश ने संगठनों व लोगों को आतंकी अथवा आतंकी संगठन घोषित करने के अनुरोध खारिज करने का भी उदाहरण दिया। यूएनएससी की खुली बहस में यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि यूएनएससी के कार्यक्षेत्र में कई क्षेत्र हैं, पर सदस्यों की संख्या केवल 15 तक सीमित है।

दुनिया के लिए यूएनएससी बहुत महत्वपूर्ण 

उन्होंने कहा कि कई तरह की चुनौतियों व संकटों से घिरी दुनिया में यूएनएससी की बहुत अहमियत है। इसकी कार्यप्रणाली में अधिक पारदर्शिता बरतने पर जोर देने के साथ ही पी हरीश ने यह भी कहा कि इसका एक उदाहरण वो अस्पष्ट ढंग है जिसके आधार पर लोग अथवा संगठन सूचीबद्ध होने से सुरक्षित बच निकलते हैं।

अस्पष्ट ढंग से किए जाते हैं फैसले 

संयुक्त राष्ट्र में स्थायी भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि लोगों व संगठनों को सूचीबद्ध करने की जगह उन्हें लिस्ट से हटाने के निर्णयों के विपरीत सुरक्षा परिषद में खारिज हुए अनुरोधों पर अस्पष्ट ढंग से फैसले किए जाते हैं। उन्होंने इतना तक कहा कि परिषद के बाहर के सदस्य देशों को इसकी जानकारी तक नहीं होती। पी हरीश ने कहा, सुरक्षा परिषद की समितियों और सहायक संगठनों के अध्यक्षों व पदाधिकारियों को विशेषाधिकार होता है और इसके तहत उ्रनी जिम्मेदारी होती है। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि हितों के टकराव के लिए यूएनएससी में कोई स्थाना नहीं होना चाहिए।

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