तुलसी माता की पूजा से घर में बढ़ती है सकारात्मक ऊर्जा
Margashirsha Amavasya Tulsi Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन पितृ तर्पण और दान का विशेष महत्व होने के साथ-साथ तुलसी पूजा का भी फलदायी समय होता है। तुलसी माता को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और घर की रक्षा करने वाली मानी गया है। शास्त्रों में वर्णित है कि तुलसी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और समृद्धि का वातावरण बनता है।
तुलसी का स्थान वैदिक परंपरा में देवताओं के साथ तुलनीय माना गया है। भगवान विष्णु और तुलसी माता की उपासना से मन की शांति, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है। मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन विशेष रूप से इसलिए शुभ है क्योंकि यह मास अपने आप में पुण्य और साधना का प्रतीक है। इस दिन तुलसी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में मानसिक स्थिरता, सकारात्मकता और आध्यात्मिक विकास होता है।
तुलसी पूजा की विधि और दीपक जलाना
मार्गशीर्ष अमावस्या पर तुलसी पूजा करने के लिए सुबह-सुबह स्नान कर घर की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। तुलसी के पौधे के चारों ओर हल्का सा पानी छिड़कें और उन्हें साफ वस्त्र से पोंछें। तुलसी के चरणों में लाल या पीले रंग का चंदन, सिंदूर और अक्षत चढ़ाएं। पूजा के दौरान तुलसी माता के सामने दीपक जलाना अत्यंत फलदायी माना गया है।
दीपक जलाने का तरीका
- दीपक में घी या तेल डालें। यदि तेल का दीपक जलाएं तो सरसों या तिल का तेल श्रेष्ठ माना गया है।
- दीपक को तुलसी के पौधे के पास रखें और उसकी चारों दिशाओं में प्रकाश फैलने दें।
- इस समय ॐ तुलसीदेव्यै नम: या कोई अन्य तुलसी स्तोत्र का जप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
तुलसी पूजा और दान का महत्व
तुलसी पूजा के साथ दान करना भी अत्यंत शुभ है। गेहूं, चावल, गुड़, तिल या कपड़े का दान तुलसी माता को अर्पित किया जा सकता है। शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाना और उसकी आरती करना परिवार में सुख, शांति और सौभाग्य का संचार करता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर तुलसी पूजा और दीपक जलाने की परंपरा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक वृद्धि का माध्यम भी है। इस दिन श्रद्धा और विश्वास से की गई पूजा जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाती है।
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