North India Flood Situation : नदियों का जल स्तर हुआ कम लेकिन बाढ़ के हालात गंभीर

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North India Flood Situation : नदियों का जल स्तर हुआ कम लेकिन बाढ़ के हालात गंभीर
North India Flood Situation : नदियों का जल स्तर हुआ कम लेकिन बाढ़ के हालात गंभीर

पंजाब, हरियाणा और यूपी में लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित, हजारों ने किया पलायन

North India Flood Situation (आज समाज), नई दिल्ली : उत्तर भारत में इस बार मानसून के दौरान जहां बादल खूब बरस रहे हैं वहीं पहाड़ों में बादल फटने की घटनाएं भी पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा हो रही हैं। यही कारण है कि पहाड़ों से बहकर आए पानी से मैदानी हिस्सों में बाढ़ ने भयानक रूप धारण कर लिया है। पंजाब, हरियाणा और यूपी में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। एक तरफ जहां पंजाब में लगभग सभी जिले बाढ़ प्रभावित है वहीं हरियाणा के आठ और उत्तर प्रदेश के भी कई जिले यमुना की चपेट में आने से बाढ़ग्रस्त हैं।

यूपी में नदियों में आई बाढ़ आगरा, मथुरा, अलीगढ़, शाहजहांपुर, पीलीभीत, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, फरुर्खाबाद, कन्नौज समेत कई जिलों में कहर बरपा रही है। सैकड़ों गांव टापू बन गए हैं। शहर की कालोनियों में भी पानी घुस गया है। लाखों को आबादी प्रभावित है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है।

पंजाब के हालात सबसे ज्यादा खराब

इस बार बाढ़ के कारण उत्तर भारत में सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब को उठाना पड़ा है। यहां पर करीब चार लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही अभी तक 48 लोगों के मारे जाने का समाचार है। वहीं प्रदेश में अभी तक एक लाख 75 हजार हेक्टेयर के करीब फसलें नष्ट हो चुकी हैं। इसके साथ हजारों एकड़ भूमि और सैकड़ों घर बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं। बाढ़ के हालात का जायजा लेने के आज पंजाब सीएम भगवंत सिंह मान अस्पताल से कैबिनेट की बैठक लेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल करेंगे पंजाब का दौरा

पंजाब में इस सदी की सबसे भयानक बाढ़ से न केवल प्रदेश सरकार चिंतित है बल्कि केंद्र सरकार को भी पूरी चिंता है। यहीं कारण है कि पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान पंजाब के दौरे पर गए थे वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल बाढ़ग्रस्त एरिया का दौरा करने के लिए पंजाब जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के सबसे पहले गुरदासपुर आने की संभावना है जहां रावी नदी से छोड़े गए पानी ने कहर बरपाया हुआ है। इसके अलावा वह अमृतसर व तरनतारन जिलों के इलाकों का भी हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।

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