हरे निशान पर बंद हुए सेंसेक्स और निफ्टी, सकारात्मक रही साप्ताहिक क्लोजिंग
Share Market Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन भी तेजी का दौर जारी रहा। इसके चलते शेयर बाजार में कई सप्ताह बाद भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक क्लोजिंग हुई। ज्ञात रहे कि बुधवार की गिरावट के बाद गुरुवार को भी शेयर बाजार हरे निशान पर बंद हुए थे।
इसके बाद शुक्रवार को भी शेयर बाजार में तेजी का दौर रहा। भारतीय बाजार शुक्रवार को हरे निशान पर बंद हुआ। फार्मास्युटिकल और बैंकिंग शेयरों में मजबूत तेजी तथा विदेशी पूंजी प्रवाह के चलते शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 329 अंक चढ़ गया।
सेंसेक्स और निफ्टी में दर्ज की गई इतनी तेजी
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 328.72 अंक या 0.40 प्रतिशत उछलकर 82,500.82 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 482.01 अंक या 0.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,654.11 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 103.55 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,285.35 पर आ गया।
घरेलू बाजारों में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में व्यापक कमजोरी के कारण शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे बढ़कर 88.69 (अनंतिम) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मजबूत घरेलू बाजार और कमोडिटी कीमतों में रात भर की गिरावट के कारण रुपये में तेजी आई।
इन शेयरों में आई तेजी, इनमें गिरावट
सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, मारुति सुजुकी इंडिया, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, बीईएल, अडानी पोर्ट्स, इटरनल, सन फार्मास्यूटिकल्स, पावर ग्रिड, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख लाभ में रहे। दूसरी ओर, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, टाइटन, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस पिछड़ गए।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट
टैरिफ के दबाव व डॉलर के मुकाबले रुपए में जारी गिरावट के चलते विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पूंजी निर्वाह लगातार जारी है। इसी के परिणाम स्वरूप भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 27.6 करोड़ डॉलर घटकर 699.96 अरब डॉलर रह गया।
पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में समग्र भंडार 2.3 अरब डॉलर घटकर 700.236 अरब डॉलर हो गया था। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.049 अरब डॉलर घटकर 577.708 अरब डॉलर हो गईं। विदेशी मुद्रा आस्तियों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है।