
चुनाव आयोग और केंद्र से 3 नवंबर तक जवाब मांगा
Supreme Court, (आज समाज), नई दिल्ली: राजनीतिक दलों द्वारा टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग में मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को गंभीर मुद्दा बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे राजनीतिक दल जो इनएक्टिव हैं, उनके जरिए टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग गंभीर मुद्दा है। यह सीधे लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता जुड़ा है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विधि आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 3 नवंबर तक जवाब मांगा है। पूछा है कि दलों के पंजीकरण और नियमन के लिए अब तक ठोस कानून क्यों नहीं बनाया गया।
500 करोड़ के फर्जी लेनदेन का मामला
एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि आयकर विभाग की छापामारी में दो दलों इंडियन सोशल पार्टी और युवा भारत आत्म निर्भर दल के जरिए 500 करोड़ के फर्जी चंदे का मामला सामने आया था। नेशनल सर्व समाज पार्टी के जरिए 271 करोड़ का लेन-देन पकड़ा गया था। आरोप है कि हवाला और कमीशनखोरी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ही ये दल बनाए गए थे। इनका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं।
चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के पंजीकरण और कामकाज को लेकर स्पष्ट नियम बनाने के निर्देश देने की मांग
करीब 90% दल कभी चुनाव नहीं लड़ते। 20% तक कमीशन वसूलकर टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं। याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के पंजीकरण और कामकाज को लेकर स्पष्ट नियम बनाने के निर्देश दे। आंतरिक लोकतंत्र, फंडिंग की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
देश में 2,800 से ज्यादा राजनीतिक दल, 690 ने ही चुनाव लड़ा
गौरतलब है कि देश में 6 राष्ट्रीय व 67 क्षेत्रीय दल हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के समय 2,800 से ज्यादा रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल थे। एडीआर के मुताबिक, इनमें से सिर्फ 690 ने ही चुनाव लड़ा। यानी अधिकांश चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।
334 दलों को डीलिस्ट कर चुका चुनाव आयोग
चुनाव आयोग इस साल अगस्त तक 334 ऐसे दलों को डीलिस्ट कर चुका है। अब भी 2520 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल बचे हुए हैं। 2011 में पूर्व मुख्य न्यायाधीश एमएन वेंकटचलैया की अध्यक्षता में एक समिति ने पॉलिटिकल पार्टीज (रेगुलेशन आॅफ अफेयर्स) बिल का ड्राफ्ट तैयार किया था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पाया।
ये भी पढ़ें : पाकिस्तान का एयर डिफेंस कमजोर, हमारी मिसाइल भी नहीं रोक पाया: लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों