
SC On Bihar Voter Verification list, (आज समाज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (ईसी) से बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए वोटरों की कंपलीट जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि ईसी ने बिहार में जून में ‘विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर)’ शुरू किया था और इसके तहत एक अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है। इस सूची में से 65 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। लिस्ट में 7.24 करोड़ मतदाता दिखाए गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत, एन. कोटिश्वर सिंह और उज्जल भुयान की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की।
याचिकर्ताओं को भी उपलब्ध करवाएं जानकारी
सर्वोच्च न्यायालय ने ईसी को यह भी निर्देश दिए हैं कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) नाम के एनजीओ और उन राजनीतिक पार्टियों (Political parties) को भी वोटर लिस्ट से हटाए गए मतदाताओं की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए जिन्होंने इस मसले पर याचिका दाखिल की है। उधर ईसी ने कहा है कि जिन लोगों के नाम सूची से हटाए गए हैं, वे लोग या तो परमानेंट दूसरी जगह चले गए हैं और उनकी मौत हो चुकी है। या इन लोगों का नाम दो जगहों पर था।
हमें हटाए गए हर मतदाता की जानकारी चाहिए : SC
पीठ ने ईसी से कहा है कि उन्हें हर उस मतदाता की जानकारी चाहिए जिसका नाम सूची से हटाया गया है। एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि राजनीतिक दलों को हटाए गए मतदाताओं की सूची तो दी गई है, पर इसमें यह जानकारी नहीं दी गई है कि कौन वोटर परमानेंट तौर पर शिफ्ट हो गया है, किसी मौत हो गई है अथवा किसका नाम गलत तरीके से हटा है।
एडीआर ने की है ये मांग
शीर्ष अदालत ने कहा कि ईसी 9 अगस्त तक जवाब दायर करे जिससे 12-13 अगस्त को मामले पर पूरी सुनवाई हो सके। एडीआर की मांग है कि सूची से हटाए गए 65 लाख नामों की पूरी जानकारी प्रकाशित की जाए। उसने यह भी मांग की है कि हर नाम के साथ इस बात की भी जानकारी दी जाए कि उसे किस वजह से हटाया गया।
वोटर लिस्ट को साफ करने का काम कर रहा ईसी
चुनाव आयोग ने अदालत में हलफनामा देकर कहा कि वह मतदाता सूची को साफ करने का काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि उनका मकसद अपात्र लोगों को लिस्ट से हटाकर केवल सही लोगों को ही मतदान करने की अनुमति देना है।
यह भी पढ़ें: Supreme Court On Justice Varma Case: आपका आचरण विश्वास पैदा नहीं करता, आप समिति के समक्ष क्यों पेश हुए