South Actress Savitri : 18 की उम्र में शादी, मेल एक्टर्स जितनी फीस और रेखा से खास रिश्ता,  जानें साउथ की ‘महानटी’ सावित्री की पूरी कहानी 

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South Actress Savitri : 18 की उम्र में शादी, मेल एक्टर्स जितनी फीस और रेखा से खास रिश्ता,  जानें साउथ की 'महानटी' सावित्री की पूरी कहानी 
आज समाज, नई दिल्ली: South Actress Savitri : जब 1950 के दशक में फिल्मों में महिलाओं को सिर्फ ग्लैमर तक सीमित माना जाता था, तब एक अभिनेत्री ने अपने टैलेंट से इंडस्ट्री की परिभाषा ही बदल दी। वो सिर्फ अदाकारा नहीं थीं, बल्कि नारी सशक्तिकरण की चलती-फिरती मिसाल थीं।
उन्होंने वो सब हासिल किया, जो उस दौर में एक महिला के लिए असंभव माना जाता था।  मेल एक्टर्स के बराबर फीस, दर्शकों की दीवानगी, और करोड़ों दिलों पर राज। हम बात कर रहे हैं साउथ इंडस्ट्री की दिग्गज एक्ट्रेस सावित्री गणेशन की — जिनका नाम आज भी ‘महानटी’ के रूप में याद किया जाता है।

18 की उम्र में की शादी 

सावित्री ने सिर्फ 18 साल की उम्र में साउथ के मशहूर एक्टर जेमिनी गणेशन से शादी कर ली थी। गणेशन पहले से शादीशुदा थे और उनके चार बेटियां थीं। इस रिश्ते को लेकर सावित्री के परिवार में विरोध था, लेकिन उन्होंने अपने दिल की सुनी। कई सालों तक दोनों ने शादी को छुपाकर रखा। जब एक फिल्म में सावित्री ने पहली बार अपने नाम के आगे “गणेशन” लगाया, तब जाकर सबको सच्चाई का पता चला।

पार्वती के किरदार से बनी पहचान 

1950 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में मेल एक्टर्स को फीमेल एक्टर्स से कहीं ज्यादा फीस और अहमियत मिलती थी। लेकिन सावित्री ने इस सोच को तोड़ा। वो तमिल और तेलुगु सिनेमा की पहली ऐसी अभिनेत्री बनीं, जिन्हें मेल एक्टर्स के बराबर फीस मिलती थी। उनका अभिनय इतना दमदार था कि फिल्म देवदास में पार्वती के किरदार से वो घर-घर में पहचानी जाने लगीं।

 रेखा से क्या था रिश्ता?

बहुत कम लोग जानते हैं कि सावित्री गणेशन, बॉलीवुड की एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा की सौतेली मां थीं। जेमिनी गणेशन की पहली पत्नी से रेखा पैदा हुईं थीं और बाद में उन्होंने सावित्री से शादी की थी। इस नाते रेखा और सावित्री का रिश्ता भले ही निजी तौर पर जटिल रहा हो, लेकिन दोनों इंडस्ट्री में अपनी-अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं।

शराब की लत और अकेलेपन 

1980 के दशक में सावित्री की ज़िंदगी ने दुखद मोड़ ले लिया। जेमिनी गणेशन से दूर होने के बाद उन्होंने शराब की लत लगा ली और अकेलेपन में घिर गईं। धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया। 26 दिसंबर 1981 को वो कोमा में चली गईं और उसी दिन इस दुनिया को अलविदा कह गईं।

महानटी – उनकी ज़िंदगी पर बनी बायोपिक

सावित्री की ज़िंदगी पर आधारित फिल्म ‘महानटी’ (2018) को दर्शकों और आलोचकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। इसमें कीर्ति सुरेश ने सावित्री की भूमिका निभाई और अपने प्रदर्शन से राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता। फिल्म ने नई पीढ़ी को सावित्री की प्रेरणादायक लेकिन दुखद कहानी से रूबरू कराया।
सावित्री सिर्फ एक एक्ट्रेस नहीं थीं, वो एक आइकन थीं। जिन्होंने न सिर्फ पर्दे पर किरदार निभाए, बल्कि असल ज़िंदगी में भी संघर्ष, आत्मसम्मान और साहस का चेहरा बनकर उभरीं। आज भी जब साउथ सिनेमा की बात होती है, तो सावित्री का नाम सम्मान और गर्व के साथ लिया जाता है।