आज समाज नेटवर्क, पानीपत:
Solo Song Contest: आईबीएल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में ‘एकल गीत प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। मुख्यातिथि की की भूमिका सरिता नारंग ने निभाई। निर्णायक मंडल में सुनीता मुंजाल और संगम रहे। प्रधानाचार्या जयश्री गर्ग व मुख्यातिथि की अनुमति से कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री मंत्र से किया। यह प्रतियोगिता अंतर्सदनीय थी। इस प्रतियोगिता में दो वर्ग बनाए गए।
- प्रथम वर्ग-कक्षा छठी से आठवीं,
- विषय- 80-90 दशक के गीत
- द्वितीय वर्ग- कक्षा नौवीं से बारहवीं का रहा।
विषय: लोक – गीत
गानों की तान व कलात्मकता ध्वनियों ने संगीतमय वातावरण में समय का चाबुक किस गति से चला यह पता ही नहीं चला। संगीत जादू की चाबी की तरह हैं जो मन को भाव विभोर कर बंद हृदय के द्वार को भी खोलने का काम कर सकती है। संगीत आत्मा की भाषा है। इस प्रतियोगिता में भावी गायकों ने जी तोड़ होड़ लगाई कि निर्णायक मंडली गायकों के पुंज से श्रेष्ठतम गायक को चुनने में कुछ पल तो असामंजस्य में पड़ गए।
संगीत जन्म से ही आत्मा के रूप में समाया Solo Song Contest
‘एकल गीत प्रतियोगिता’ का परिणाम इस प्रकार रहा। प्रथम वर्ग (VI से VIII) में प्रथम- आन्या टैगोर सदन, द्वितीय -यश सुभाष सदन, द्वितीय वर्ग (IX से XII) में प्रथम- भव्या टैगोर सदन, द्वितीय -स्नेहा सुभाष सदन, सांत्वना पुरस्कार- अर्शदीप गांधी सदन सर्वश्रेष्ठ सदन टैगोर सदन रहा। प्रधानाचार्या ने बच्चों की मेहनत व प्रयास को देखते हुए कहा कि संगीत जन्म से ही आत्मा के रूप में मानो समाया होता है।
विजयी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की Solo Song Contest
बस उसे उभारकर बाहर लाने की जरूरत होती है। अगर मेहनत की जाए तो वह संगीत मंच तक पहुंच सबके दिलों को झंकृत कर सकता है। प्रधानाचार्या तथा मुख्यातिथि ने विजयी बच्चों को पुरस्कृत करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मंच संचालन अध्यापिका ममता गुलाटी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।