Bareilly riot case : तो इसलिए बरेली को दंगे की आग में जलाना चाहता था तौकीर रजा

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Bareilly riot case : तो इसलिए बरेली को दंगे की आग में जलाना चाहता था तौकीर रजा
Bareilly riot case : तो इसलिए बरेली को दंगे की आग में जलाना चाहता था तौकीर रजा

यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए नदीम खां ने किया बड़ा खुलासा

Bareilly riot case (आज समाज), बरेली : पिछले दिनों एक विशेष समुदाय के संगठन ने बरेली में दंगा भड़काने की नाकाम कोशिश की। हालांकि जब तक पुलिस हरकत में आती और उपद्रवियों को रोकती तब तक शहर के कई हिस्सों में अशांति फैल चुकी थी। पुलिस की मुस्तैदी के चलते शहर में उपद्रव ज्यादा न फैल सका और जल्द ही स्थिति सामान्य हो गई। उपद्रव फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया और पुलिस को तत्परता से कार्रवाई करने के आदेश दिए। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की पहचान करने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार भी किया। इस केस में अब तक सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की जा चुकी है।

उपद्रव फैलाने के पीछे तौकीर रजा खां का यह मकसद

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने इस दंगे को भड़काने की कोशिश की। पूछताछ में आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने पुलिस को यह जानकारी दी। नदीम खां ने पुलिस को बताया कि डेढ़ साल से मौलाना तौकीर अपने बूते बरेली में बड़ी संख्या में भीड़ नहीं जुटा पाया था। मौलाना की फितरत के अनुसार एक अरसे से बरेली में कुछ हो भी नहीं रहा था। इस वजह से वह अपने रसूख को लेकर फिक्रमंद रहने लगा था। आई लव मोहम्मद का संवेदनशील मसला कानपुर से उठा तो मौलाना को लगा कि मजहब की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के बीच पैठ बनाकर वह उनका रहनुमा बन सकता है।

राजनीतिक पार्टियों को दिखाना चाहता था अपना रसूख

साथ ही, 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को भी अपने सियासी रसूख का अहसास करा सकता है। खुद को मुस्लिमों का रहनुमा बताकर ही तौकीर समय-समय पर कांग्रेस, सपा और बसपा के करीब रहा है। बरेली से बड़ा संदेश देने और सियासी रसूख के चक्कर में ही उसने बवाल की साजिश रच डाली।

अगर मौलाना अपनी मंशा में कामयाब हो जाता तो एक बार फिर नौ फरवरी 2024 की तरह ही उसकी तकरीर भड़काऊ होती। नदीम खां जेल जाने से पहले कई और भी राज उगल गया। उसने प्रदर्शन के दिन की गई खुराफात की असलियत बता दी। ये भी बताया कि प्रदेश मीडिया प्रभारी लियाकत खां के फर्जी हस्ताक्षर उसने और नफीस ने तीसरे शख्स से कराकर पुलिस को पत्र सौंप दिया था।