Shukra Pradosh Vrat: सुहागिन महिलाओं के लिए शुभ माना गया है शुक्र प्रदोष व्रत, जानें क्यों

0
59
Shukra Pradosh Vrat: सुहागिन महिलाओं के लिए शुभ माना गया है शुक्र प्रदोष व्रत, जानें क्यों
Shukra Pradosh Vrat: सुहागिन महिलाओं के लिए शुभ माना गया है शुक्र प्रदोष व्रत, जानें क्यों

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का है विधान
Shukra Pradosh Vrat, (आज समाज), नई दिल्ली: सितंबर का शुक्र प्रदोष व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए प्रदोष व्रत को बहुत ही फलदायी माना जाता है। सितंबर महीने का आखिरी प्रदोष व्रत शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत अगर शुक्रवार के दिन पड़े तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस बार शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सिद्ध योग बनेगा और रात में भद्रा का साया रहेगा।

शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको 2 घंटे से अधिक का मुहूर्त प्राप्त होगा। प्रदोष व्रत के दिन उपवास रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। इससे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन खासकर विवाहित स्त्रियों के लिए शुक्र प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ माना गया है आइए जानते हैं क्या है इसका कारण।

अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह से जुड़ा होता है। शुक्र ग्रह को प्रेम, रोमांस भोग-विलास आदि का कारक माना जाता है। कुंडली में यदि शुक्र की स्थिति मजबूत हो तो दांपत्य जीवन में प्रेम, सामंजस्य और स्थिरता बनी रहती है और तनाव कम होता है। इसलिए कहा जाता है कि शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत करने वाली स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है।

शिवपुराण और स्कंद पुराण में भी बताया गया महत्व

इसके साथ ही शुक्र प्रदोष व्रत को पति की आयु, वैवाहिक सुख, धन-समृद्धि और पारिवारिक सौहार्द की दृष्टि से बहुत शुभ माना गया है। खासकर विवाहित स्त्रियां शुक्र प्रदोष व्रत पर शिव-पार्वती की पूजा जरूर करें। शिवपुराण और स्कंद पुराण में भी शुक्र प्रदोष व्रत को अत्यंत फलदायी बताया गया है। साथ ही शुक्रवार का दिन स्त्रियों के सौभाग्य और लक्ष्मी प्राप्ति का दिन माना गया है।

इस समय करें पूजा

इस बात का ध्यान रखें कि, शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही करें. बता दें कि प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय होता है। 19 सितंबर को शुक्र प्रदोष व्रत पर पूजा के लिए शाम 6:21 से 8:43 का समय शुभ रहेगा।

ये भी पढ़ें : त्रयोदशी श्राद्ध पर राशि अनुसार करें भगवान शिव का अभिषेक