Haryana Human Rights Commission : रूद्र की मौत ने खोली सिस्टम की पोल : आयोग ने किया यूएचबीवीएन व नगर निगम, पानीपत को तलब

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Haryana Human Rights Commission : रूद्र की मौत ने खोली सिस्टम की पोल : आयोग ने किया यूएचबीवीएन व नगर निगम, पानीपत को तलब
Haryana Human Rights Commission : रूद्र की मौत ने खोली सिस्टम की पोल : आयोग ने किया यूएचबीवीएन व नगर निगम, पानीपत को तलब
  • बिजली विभाग का ₹1 लाख मुआवजा काफी नहीं परिवार को मिलना चाहिए न्याय-हरियाणा मानव अधिकार आयोग

Haryana Human Rights Commission, (आज समाज), चंडीगढ़ : हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने पानीपत के रामपुरा कॉलोनी, काबरी रोड स्थित ट्रांसफार्मर के असुरक्षित एल.टी. फ्यूज बोर्ड के कारण नाबालिग बालक रूद्र की करंट लगने से हुई मृत्यु के मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए बिजली विभाग (यूएचबीवीएन) और नगर निगम पानीपत दोनों की लापरवाही पर कड़ी टिप्पणी की है।

दर्ज मामले में आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया जा चुका

पुलिस अधीक्षक, पानीपत द्वारा दिनांक 27.10.2025 की रिपोर्ट आयोग को प्राप्त हुई है, जिसके अनुसार एफआईआर संख्या 80 दिनांक 06.02.2024, धारा 304-ए आईपीसी, थाना ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, पानीपत में दर्ज मामले में आरोपी संदीप पुत्र बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा जांच पूर्ण होने के उपरांत अंतिम रिपोर्ट (चालान) न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई है। मामला 20.03.2026 को अभियोजन साक्ष्य हेतु नियत है। अधीक्षण अभियंता (ओपी) सर्कल, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन), पानीपत की दिनांक 10.09.2025 की रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है।

मुआवजा संबंधी पहलू से बिल्कुल संतुष्ट नहीं

हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने यूएचबीवीएन, पानीपत के अधीक्षण अभियंता द्वारा दायर रिपोर्ट का सावधानीपूर्वक परीक्षण किया है, जो नाबालिग रूद्र की विद्युत करंट लगने से हुई मृत्यु से संबंधित है। अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा तथा दोनों सदस्यों कुलदीप जैन और दीप भाटिया को मिलाकर बने पूर्ण आयोग इस रिपोर्ट से, विशेषकर मुआवजा संबंधी पहलू से, बिल्कुल संतुष्ट नहीं है।

समयबद्ध एवं उपयुक्त कार्रवाई करने में विफल रहा

यह पाया गया है कि विभागीय अधिकारियों को दोषी ठहराने और सार्वजनिक सुरक्षा मानकों के पालन में लापरवाही स्वीकार किए जाने के बावजूद पीड़ित परिवार को मात्र ₹1,00,000/- की अल्प वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जो घटना की गंभीरता और परिवार द्वारा झेले गए अपूरणीय नुकसान के मद्देनज़र पर्याप्त नहीं मानी जा सकती। आयोग का मत है कि यूएचबीवीएन उचित और न्यायसंगत मुआवजे के निर्धारण और वितरण के लिए समयबद्ध एवं उपयुक्त कार्रवाई करने में विफल रहा है।

राशि निर्धारित करने हेतु कौन-सा आधार और मानदंड अपनाया गया ?

अतः अधीक्षण अभियंता (ओपी) सर्कल, यूएचबीवीएन, पानीपत को निर्देशित किया जाता है कि वे अगली सुनवाई तिथि पर व्यक्तिगत रूप से हरियाणा मानव अधिकार आयोग के समक्ष उपस्थित हों और यह स्पष्ट करते हुए एक नवीन स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि ₹1,00,000/- मुआवजा राशि निर्धारित करने हेतु कौन-सा आधार और मानदंड अपनाया गया, साथ ही विभागीय नियम/निर्देश भी प्रस्तुत किए जाएं तथा मुआवजा पुनः निर्धारित करने और बढ़ाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी भी प्रदान करें।

सड़क स्तर मात्र लगभग छह (6) इंच ही ऊँचा किया गया था

आयुक्त, नगर निगम, पानीपत द्वारा विस्तृत रिपोर्ट दिनांक 12.09.2025 भी प्राप्त हुई है, जिसमें यह बताया गया है कि विद्युत करंट लगने की दुखद घटना 06.02.2024 को वार्ड नंबर 24, रामपुरा कॉलोनी, काबरी रोड, पानीपत में हुई। यह भी उल्लेख किया गया है कि सड़क निर्माण कार्य (जून 2023) के दौरान सड़क स्तर मात्र लगभग छह (6) इंच ही ऊँचा किया गया था। यह वृद्धि नियमित सड़क सुदृढ़ीकरण एवं पक्का करने की प्रक्रिया का हिस्सा थी।

ऊँचाई कम होने की शिकायतें बार-बार बिजली विभाग को दी थीं

रिपोर्ट अनुसार, नगर निगम, पानीपत ने एक रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त, पानीपत को भेजी है, जिसमें सड़क निर्माण से पहले व बाद की स्थिति के फोटोग्राफ शामिल हैं, जो सड़क की कच्ची/अर्ध-पक्की अवस्था और ट्रांसफार्मर तथा एल.टी. फ्यूज बोर्ड की कम ऊँचाई दर्शाते हैं। 63 केवीए ट्रांसफार्मर (11 केवी रामपुरा फीडर) का एल.टी. फ्यूज बोर्ड सड़क कार्य से पूर्व ही असुरक्षित एवं कम ऊँचाई पर स्थित था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि क्षेत्र के निवासी, जिनमें श्री सांचित बत्रा भी शामिल हैं, ने एल.टी. फ्यूज बोर्ड की ऊँचाई कम होने की शिकायतें बार-बार बिजली विभाग को दी थीं। क्षेत्रीय लाइनमैन प्रत्येक 15 दिन में फ्यूज फेल होने पर साइट पर आता था तथा मीटर रीडर भी नियमित रूप से आता था।

रिपोर्ट से हरियाणा मानव अधिकार आयोग संतुष्ट नहीं

नगर निगम-पानीपत, द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से हरियाणा मानव अधिकार आयोग संतुष्ट नहीं है। आयोग यह अवलोकन करता है कि यद्यपि नगर निगम, पानीपत यह दावा करता है कि सड़क स्तर मात्र लगभग छह (6) इंच ही बढ़ा था, लेकिन कार्य आरंभ करने से पहले नगरपालिका द्वारा बिजली विभाग (यूएचबीवीएन) से कोई पूर्व समन्वय अथवा लिखित सूचना नहीं की गई, जबकि क्षेत्र में सक्रिय विद्युत संरचनाएँ मौजूद थीं। विभिन्न विभागों के बीच उचित समन्वय अत्यावश्यक है ताकि सड़क निर्माण/मरम्मत के दौरान ट्रांसफार्मर, एल.टी. बोर्ड अथवा विद्युत पोलों को सुरक्षित ऊँचाई पर समायोजित किया जा सके। ऐसा न करना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।

नगर निगम पानीपत अपनी जिम्मेदारी से पूर्णतया मुक्त नहीं हो सकता

यहाँ तक कि यदि ट्रांसफार्मर की असुरक्षित स्थिति पूर्व से विद्यमान थी, तब भी स्थानीय निकाय होने के नाते नगर निगम, पानीपत अपनी जिम्मेदारी से पूर्णतया मुक्त नहीं हो सकता। सार्वजनिक सड़कों पर खतरनाक स्थिति में स्थित एल.टी. फ्यूज बोर्ड की निरंतर मौजूदगी यह दर्शाती है कि निगम संभावित खतरे की पहचान कर उसे संबंधित विभाग के संज्ञान में लाने में विफल रहा।

सुरक्षा का सत्यापन नहीं किया और आवश्यक सावधानियाँ नहीं बरतीं

उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर जस्टिस ललित बत्रा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग पाता है कि नगर निगम, पानीपत ने अत्यधिक आबादी वाले क्षेत्र में स्थित इस खतरनाक विद्युत संरचना के चारों ओर कोई बैरिकेडिंग, फेंसिंग अथवा चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए, जबकि यह नागरिकों—विशेषकर बच्चों—की सुरक्षा के लिए आवश्यक था। यद्यपि विद्युत करंट लगने की घटना का तात्कालिक कारण यूएचबीवीएन, पानीपत के अधीन असुरक्षित एल.टी. फ्यूज बोर्ड था, परन्तु नगर निगम, पानीपत भी अपने वैधानिक दायित्वों में विफल रहा है, क्योंकि उसने कार्य शुरू करने से पहले समुचित समन्वय नहीं किया, सुरक्षा का सत्यापन नहीं किया और आवश्यक सावधानियाँ नहीं बरतीं।

मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को

आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि उपलब्ध तथ्यों और गंभीर आरोपों को देखते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, नगर निगम, पानीपत को निर्देशित किया जाता है कि वे उपर्युक्त बिन्दुओं पर नवीन स्थिति रिपोर्ट अगली सुनवाई तिथि तक प्रस्तुत करें। इसके अतिरिक्त, आयोग ने इस मामले से संबंधित एफआईआर संख्या 80 दिनांक 06.02.2024 (धारा 304-ए IPC), थाना ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, पानीपत के जांच अधिकारी को भी अगली सुनवाई पर सम्पूर्ण जांच रिकॉर्ड सहित उपस्थित होने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है।

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