
- बरसाती पानी के अलावा और पानी नहीं आने दिया जाएगा मसानी बैराज में
- रेवाड़ी और भिवाड़ी जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक आयोजित
(Rewari News) रेवाड़ी। भिवाड़ी समेकित विकास प्राधिकरण कार्यालय (बीडा) में रेवाड़ी और खैरथल जिला प्रशासन की जलभराव को लेकर आयोजित की गई संयुक्त बैठक में डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए दीर्घकालीन परियोजना दोनों जिला ने तैयार कर ली है। फिलहाल इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर नगर परिषद व पंचायत विभाग को अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे।
खैरथल के डीसी किशोर कुमार, बीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतुल किशोर सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित हुई इस बैठक में डीसी ने स्पष्टï तौर पर कहा कि मसानी बैराज में केवल बरसाती पानी आ सकता है। भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र, सीवरेज लाइनों या घरों से निकलने वाले दूषित पानी को इस बैराज में नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मसानी बैराज में बरसात के मौसम में जलभराव होने के कारण रेवाड़ी जिला के कुछ गांवों में लोगों के घरों में पानी चला जाता है। जो कि एक बड़ी समस्या है। इसका समाधान तभी हो सकता है, जब भिवाड़ी शहर में पानी के निकास की उचित व्यवस्था की जाए। इसके लिए भिवाड़ी नगर परिषद को खाली भूखंडों में टैंक बनाकर वहां पानी का संग्रह करना होगा। मसानी बैराज में अशुद्घ पानी को नहीं ले सकते।
भिवाड़ी में फिलहाल 160 करोड़ रूपए की लागत से एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है
डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि सिंचाई विभाग ने 218 करोड़ रूपए की एक परियोजना तैयार की है, जिसे पूरा होने में करीब तीन साल का समय लग सकता है। इसके तहत जल संग्रह के लिए पांच बड़े टैंक, दो सौ एकड़ भूमि एक बड़ा टैंक और 23 कि.मी. की पाइपलाइन बिछाकर पानी को सिंचाई के लिए पटौदी के समीप इंदौरी नदी में पहुंचाया जाएगा।
बैठक में खैरथल डीसी किशोर कुमार ने कहा कि दोनों जिला प्रशासन को मिलकर जलभराव की समस्या पर रोकथाम करनी होगी। उन्होंने कहा कि भिवाड़ी में फिलहाल 160 करोड़ रूपए की लागत से एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा करीब 60 करोड़ रूपए की लागत से बरसाती पानी को पाइपलाइन के जरिए मसानी बैराज में छोडऩे की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि भिवाड़ी में कहीं भी पानी निकासी की फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिस कारण यहां मेन रोड पर पानी भर गया है।
बीडा के सीईओ अतुल प्रकाश ने कहा कि इंडस्ट्रीज ने अपने-अपने एसटीपी लगाए हुए हैं, जिनके जरिए गंदा पानी बाहर आने की संभावना कम है। डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि इन एसटीपी की जांच करवाई जानी चाहिए कि वे रनिंग कंडीशन में हैं या नहीं। बैठक में डीसी अभिषेक मीणा ने भिवाड़ी व रेवाड़ी नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भिवाड़ी शहर में पानी निकालने के लिए मौका देखकर आएं।इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने बताया कि जलभराव से बचाव के लिए आकेड़ा, महेश्वरी आदि गांवों में खाली पंचायती भूमि पर जोहड़ बनाए गए हैं। बैठक में भिवाड़ी नगर परिषद के आयुक्त मुकेश कुमार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भिवाड़ी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित जुआल, बीडा के अधीक्षण अभियंता देवेंद्र कुमार,सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय बाघोतिया, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता अशोक कुमार यादव, नगर परिषद सचिव प्रशांत शर्मा इत्यादि मौजूद रहे।