
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने सजा को हाईकोर्ट में दी है चुनौती
Punjab-Haryana High Court News (आज समाज) चंडीगढ़: साध्वियों के यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने अगस्त 2017 में डेरा मुखी को दोषी करार देते हुए उसे 10-10 साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने डेरा मुखी पर 30 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था।
पहले मामले में दस वर्ष की सजा पूरी होने के बाद दूसरे मामले में दस वर्ष की सजा शुरू होनी है। जिसे डेरा मुख द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने डेरा मुखी गुरमीत सिंह की सजा के खिलाफ अपील पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनवाई 21 जुलाई तक स्थगित कर दी है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अगली सुनवाई पर कोर्ट हर हाल में सजा निलंबन पर अपना फैसला सुना देगा।
याचिका में डेरा मुखी ने यह दिया तर्क
डेरा मुखी गुरमीत सिंह हाई कोर्ट में अपील दायर कर कहा है कि इस मामले में सीबीआई अदालत ने उसे बिना उचित साक्ष्यों और गवाहों के उसे दोषी ठहरा सजा सुना दी है जो तय प्रक्रिया के अनुसार गलत है। डेरा मुखी ने कहा कि, पहले इस मामले में एफआईआर ही दो तीन वर्षों की देरी से दायर हुई। यह एक गुमनाम शिकायत पर दर्ज की गई जिसमे शिकायतकर्ता का नाम तक नहीं था।
जब सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की तब कोई शिकायतकर्ता ही नहीं था
पीड़िता के बयान ही इस केस में सीबीआई ने छह वर्षों के बाद रिकॉर्ड किए थे। सीबीआई का कहना था कि, वर्ष 1999 में यौन शोषण हुआ था लेकिन बयान वर्ष 2005 में दर्ज किए गए। जब सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की तब कोई शिकायतकर्ता ही नहीं था। अपनी अपील में डेरा मुखी ने सवाल उठाया है कि यह कहना कि पीड़िताओं पर कोई दबाव नहीं था, गलत है। क्योंकि दोनों पीड़िता सीबीआई के संरक्षण में थी।
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