आईएमएफ और एडीबी की दो अहम रिपोर्ट में हुआ खुलासा, भारी कर्ज में दबा पड़ोसी मुल्क
Pakistan Economy Report (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत का पड़ौसी देश पाकिस्तान आर्थिक कुप्रबंधन के चलते बहुत बड़ी आर्थिक समस्या में घिर चुका है। जिससे बाहर निकलने का फिलहाल उसके पास कोई रास्ता शेष नहीं बचा है। दरअसल बुधवार को पाकिस्तानी अर्थवयवस्था को लेकर दो बड़ी रिपोर्ट सामने आई। इनमें से एक रिपोर्ट अंतरराष्टÑीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और एशिया विकास बैंक (एडीबी) की है। इन दोनों रिपोर्ट में जो खुलासे किए हैं वो सभी को हैरानी में डालने वाले हैं।
दरअसल आईएमएफ ने जो रिपोर्ट जारी की है उसमें यह खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान अब भी भारी कर्ज, कमजोर निवेश और धीमी रोजगार वृद्धि से जूझ रहा है। वहीं दूसरी रिपोर्ट एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की है जिसमें चेताया गया है कि पाकिस्तान कुप्रबंधन में डूबा है और जल संकट गंभीरतम हालत में है।
आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज के सहारे पाकिस्तान
आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर की नई राशि देने के बीच चेताया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025 में 2.6% से बढ़कर 2026 तक 3.2% हो जाएगी, जो 24 करोड़ की आबादी वृद्धि की दर से लगभग मेल नहीं खाती। मुद्रास्फीति भी घटकर 4.5% रह गई है जो अस्थिरता का संकेत देती है। उधर, एडीबी ने कहा- पाकिस्तान में 80% से अधिक आबादी स्वच्छ पेयजल से वंचित है। देश अनियंत्रित आबादी व कुप्रबंधन से भारी दबाव में है।
इसलिए संकट में घिर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के मुताबिक, पाकिस्तान सार्वजनिक ऋण के बोझ तले बुरी तरह से दबा हुआ है। आईएमएफ दायित्वों सहित कुल सामान्य सरकारी ऋण जीडीपी के लगभग 72-73% तक रहने का अनुमान है, जबकि सरकारी व गारंटीकृत ऋण करीब 76% रहने की उम्मीद है। घरेलू ऋण जीडीपी का लगभग आधा हिस्सा है, जिससे घरेलू उधार दरों में वृद्धि के कारण ब्याज लागत अधिक बनी हुई है। ये हालात अर्थव्यवस्था के बेहद संकट में रहने का संकेत देते हैं।
राष्ट्रीय जल नीति पर भी सवाल
पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 1972 में 3,500 घन मीटर से गिरकर 2020 में मात्र 1,100 घन मीटर रह गई है, जिससे यह पूर्ण कमी की दहलीज के खतरनाक रूप से करीब पहुंच गया है। एडीबी ने कहा कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय जल नीति योजना और कार्यान्वयन के बीच गंभीर अंतर से ग्रस्त है। इसे लेकर एडीबी ने पाकिस्तानी नीतियों पर चेतावनी भी जारी की।
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