Opposition Protest : संविधान सदन के बाहर विपक्ष का धरना

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Opposition Protest : संविधान सदन के बाहर विपक्ष का धरना
Opposition Protest : संविधान सदन के बाहर विपक्ष का धरना

वीबी जी राम जी बिल को लोकतंत्र पर हमला बतया, आधी रात को धरने पर बैठे विपक्षी दलों के सदस्य

Opposition Protest (आज समाज), नई दिल्ली : गुरुवार को संसद में विरोध के बावजूद सरकार ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी बिल 2025 पास करवा लिया। इस दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और बिल की प्रतियां तक फाड़ डाली लेकिन इस सबके बावजूद भी संसद में बिल पास कर दिया गया। हालांकि विपक्ष का यह गुस्सा शांत नहीं हुआ और विपक्षी दलों के सदस्यों ने रात को संविधान सदन के बाहर विरोध स्वरूप डेरा डाल लिया।

विपक्ष ने इसे गरीब, किसान और मजदूर विरोधी बताते हुए लोकतंत्र पर हमला करार दिया। बिल के पारित होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके समेत कई विपक्षी दलों के सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा उपनेता सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने इस बिल को जबरन पास कराया। उन्होंने कहा कि यह कानून गरीबों, किसानों और ग्रामीण भारत के खिलाफ है। विपक्ष ने चेतावनी दी कि वे देशभर में सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।

राज्यसभा में बिल पास होते ही बिफरा विपक्ष

विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी बिल को राज्यसभा ने आधी रात के बाद ध्वनि मत से पारित कर दिया। इससे पहले लोकसभा इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी थी। यह बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा की जगह लेगा। नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को सालाना 125 दिन का मजदूरी रोजगार देने का प्रावधान किया गया है।

12 करोड़ लोगों की आजीविका जुड़ी : कांग्रेस

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिस योजना से 12 करोड़ लोगों की आजीविका जुड़ी थी, उसे खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह तीन कृषि कानून वापस लिए गए थे, उसी तरह यह कानून भी वापस लेना पड़ेगा। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सत्ता में लौटने पर गांधी जी का नाम और मनरेगा दोनों बहाल किए जाएंगे।

केंद्र सरकार कर रही लोकतंत्र की हत्या

सागरिका घोष ने कहा कि विपक्ष को केवल पांच घंटे का नोटिस देकर इतना बड़ा बिल लाया गया और सही तरीके से बहस की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने मांग की कि इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए था ताकि सभी पक्षों की राय ली जा सके। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे देश के मजदूरों के लिए सबसे दुखद दिन करार दिया।

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