Nobel Peace Prize: टूटा ट्रंप का सपना, वेनेजुएला की मचाडो को शांति का नोबेल

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Nobel Peace Prize: टूटा ट्रंप का सपना, वेनेजुएला की विपक्षी नेता को मिला सम्मान
Nobel Peace Prize: टूटा ट्रंप का सपना, वेनेजुएला की विपक्षी नेता को मिला सम्मान

World Big Breaking, (आज समाज), नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार से चूक गए हैं। वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने इसमें बाजी मार ली है। जुरी (नोबेल समिति ने) ने आज नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का ऐलान किया। इसके साथ ट्रंप का नोबेल पुरस्कार जीतने का सपना टूट गया। वह सार्वजनिक तौर पर इस दफा कई बार नोबेल पुरस्कार की मांग कर चुके थे।

वेनेजुएला में आयरन लेडी के नाम से मशहूर हैं मचाडो

नोबेल शांति पुरस्कार उन शख्सियत या संस्था को दिया जाता है जिन्होंने दुनिया में जंग या संघर्ष रुकवाने, शांति स्थापित करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाई हो। ट्रंप इस सम्मान के लिए नामांकित थे, क्योंकि उन्हें यूक्रेन जंग व अन्य अंतरराष्ट्रीय मामलों में मध्यस्थता करने के लिए संभावित माना जा रहा था। लेकिन जूरी ने वेनेजुएला में आयरन लेडी के नाम से भी मशहूर मारिया कोरिना मचाडो को यह पुरस्कार देने का फैसला किया।

लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए लगातार काम किया

बता दें कि मचाडो ने लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए लगातार काम किया है और वह अपने ही देश में छिपकर रह रही हैं।। नोबेल समिति ने कहा कि मचाडो ने वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने में अथक प्रयास किए। बता दें कि मचाडो ने सुमाते नाम से एक संगठन बनाया था जो लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करता है। यह संगठन फ्री एंव निष्पक्ष चुनावों की मांग करता रहा है। गौरतलब है कि मचाडो वर्ष 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की राष्ट्रपति प्रत्याशी थीं, पर वेनेजुएला की सरकार ने उनकी उम्मीदवारी रद कर दी थी।

बढ़ते अंधकार में लोकतंत्र की लौ जलाए रखती हैं मचाडो

मचाडो का नाम टाइम पत्रिका की ‘2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों’ की लिस्ट में भी शामिल है। जुरी ने मचाडो के लिए पुरस्कार की घोषणा करते हुए उनकी शांति की एक साहसी व प्रतिबद्ध समर्थक के रूप में जमकर तारीफ की। समिति ने कहा, मचाडो बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखती हैं। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पाकिस्तान, कंबोडिया, आर्मेनिया व इजरायल सहित आठ देश डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल के लिए नामांकित कर चुके थे। हालांकि ट्रंप इसमें पीछ रहे गए। रिपोर्ट्स के अबनुसार अर्जेंटीना ने भी ट्रंप को शांति का नोबेल देने की वकालत की थी।

मिलेंगे लगभग 10.36 करोड़ रुपए (11 मिलियन स्वीडिश क्रोना)

बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार के साथ इस पुरस्कार जीतने वाले को कैश भी दिया जाता है। स्वीडिश क्रोना में यह राशि दी जाती है और इस वर्ष यह रकम 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना रखी गई है। यदि इसे भारतीय रुपयों में बदलें तो यह करीब 10.36 करोड़ रुपए बनती है। इस राशि के अलावा विजेता को प्रमाणपत्र और स्वर्ण पदक और भी प्रदान किया जाता है।

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