Malaysia: आसियान देशों के साथ लगातार मजबूत हो रहे भारत के संबंध : राजनाथ

0
50
Malaysia
मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

Kuala Lumpur ASEAN Summit, (आज समाज), कुआलालंपुर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत के आसियान देशों के साथ रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए आसियान को महत्वपूर्ण व जरूरत तत्व बताया है। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) में अपने उद्घाटन भाषण में राजनाथ ने शुक्रवार को आसियान देशों की रणनीतिक साझेदारी की भी प्रशंसा की। उन्होंने आसियान के साथ एक मज़बूत और अधिक स्थिर साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

भारत का आसियान से पहले का जुड़ाव 

भारतीय रक्षा मंत्री ने साझा समृद्धि, समुद्री सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में महिलाओं की भागीदारी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का आसियान से जुड़ाव आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक आरंभ होने से पहले का है, पर इस तंत्र ने एक संगठित रक्षा मंच उपलब्ध करवाया है जो इसके आर्थिक व कूटनीतिक पहलुओं को पूरा करता है। रक्षा मंत्री ने कहा, आज की अनिश्चित दुनिया में, जहां कई पुरानी मान्यताएं  और अपेक्षाएं बदल रही हैं, मेरा मानना ​​है कि आसियान-भारत संबंध स्थिरता का एक मज़बूत स्तंभ बने रहेंगे।

आसियान और भारत ने तेज़ आर्थिक विकास दिखाया

राजनाथ ने कहा, आसियान और भारत दोनों ने तेज़ आर्थिक विकास दिखाया है। उन्होंने कहा, स्वाभाविक रूप से, हम दोनों ही बेहतर आर्थिक संबंधों की आशा करते हैं जिससे आपसी समृद्धि बढ़े। आसियान के साथ व्यापार संबंधों को और मज़बूत करने के लिए, हम आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा के शीघ्र पूरा होने की आशा करते हैं। रक्षा मंत्री ने क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा, भारत आपदा राहत, आतंकवाद-रोधी और समुद्री सुरक्षा में योगदान देता है, और दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन का समर्थन करता है।

सुरक्षित समुद्री मार्ग हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता

रक्षा मंत्री ने हिन्द-प्रशांत समुद्री मार्गों के आर्थिक और सामरिक महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री संचार लाइनें क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, भारत का आधे से ज़्यादा व्यापार दक्षिण चीन सागर और मलक्का जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है, इसलिए सुरक्षित समुद्री मार्ग हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर ज़ोर

राजनाथ ने कहा, भारत UNCLOS के सिद्धांतों पर आधारित एक नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था का समर्थन करता है और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर ज़ोर देता है। क्षेत्रीय समुद्री हितों को स्थापित करने के लिए आसियान के नेतृत्व वाली पहलों को भारत के समर्थन से बल मिलता है। दक्षिण चीन सागर में किसी भी आचार संहिता में क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी देशों के वैध हितों का सम्मान किया जाना चाहिए। शांति स्थापना में समावेशिता के मुद्दे पर चर्चा करते हुए, रक्षा मंत्री ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय मिशनों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

ये भी पढ़ें : Kuala Lumpur ASEAN Summit: चीन और आसियान के बीच एफटीए पर दस्तखत