Pitru Paksha Special: जानें कहां से आते और कहां को जाते हैं हमारे पूर्वज

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Pitru Paksha Special: जानें कहां से आते और कहां को जाते हैं हमारे पूर्वज
Pitru Paksha Special: जानें कहां से आते और कहां को जाते हैं हमारे पूर्वज

कहां है पूर्वजों का दिव्य निवास, जानिए
Pitru Paksha Special, (आज समाज), नई दिल्ली: पितृ पक्ष पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान किया जाता है। पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों का तर्पण करने से दुखों का नाश होता है। हमारे पूर्वजों का सम्मान और उनके लिए किया गया तर्पण और पिंडदान भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए विशेष पूजा करते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पितर कहां निवास करते हैं और पितृ लोक में किस तरह प्रवेश संभव है? इस लेख में हम पितृ लोक का स्थान, उसका महत्व और इसमें प्रवेश की प्रक्रिया के बारे में आपको बताएंगे

पितृ लोक: स्थान और प्रवेश

पितृ लोक वह दिव्य और आध्यात्मिक क्षेत्र है जहां हमारे पूर्वजों की आत्माएं निवास करती हैं। यह संसार के भौतिक लोक से अलग है और अदृश्य स्वरूप का है। यहां आत्माएं शांति, पुण्य और दिव्य ऊर्जा के साथ रहती हैं।

सनातन शास्त्रों के अनुसार, मृत्यु लोक के ऊपर दक्षिण दिशा में लगभग 86,000 योजन की दूरी पर यमलोक स्थित है। गरुड़ पुराण में वर्णित है कि मृत्यु के बाद यदि आत्मा अर्ध गति में रहती है, तो वह लगभग 100 वर्षों तक मृत्यु और पुनर्जन्म के बीच की स्थिति में रहती है।

चंद्रमा के ऊर्ध्व भाग में पितृ लोक

इसके अलावा, कहा जाता है कि चंद्रमा के ऊर्ध्व भाग में पितृ लोक है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सूर्य की प्रमुख किरण अमा के माध्यम से पितर पृथ्वी लोक पर आते हैं और श्रद्धालुओं के तर्पण और पिंडदान को ग्रहण करते हैं।

कौन कर सकता है पितृ लोक में प्रवेश

पितृ लोक में सीधे भौतिक रूप से कोई नहीं जा सकता। यहां प्रवेश श्रद्धा, भक्ति और कर्मयोग के माध्यम से होता है। जब हम पितृ पक्ष में तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं, तो हमारे द्वारा किया गया कर्म पितरों तक पहुंचता है। यह उनके लिए शांति, संतोष और मोक्ष का कारण बनता है। यानी, पितृ लोक में प्रवेश श्रद्धालुओं के पुण्य कर्म और भक्ति भाव से ही संभव होता है।