Jind News :सेक्टरों में पेयजल सप्लाई का संकट होने पर बढ़ी परेशानी

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Jind News : सेक्टरों में पेयजल सप्लाई का संकट होने पर बढ़ी परेशानी
मौजूद पानी।
  • एचएसवीपी के वाटर वकर्स में मुश्किल से दस से 15 दिनों का पानी बचा
  • पिछले दस दिन से अब नहर में नही आ रहा पानी

(Jind News) जींद। सेक्टरों में पेयजल सप्लाई का संकट होने पर लोग परेशानी में हैं। एचएसवीपी के वाटर वकर्स में मुश्किल से दस से 15 दिनों का पानी बचा हुआ है। जबकि पिछले दिनों जब नहर आई थी तो शहरी विकास प्राधिकरण ने ट्रैक्टर लगाकर पंप के जरिये लगातार एक सप्ताह तक पानी भरा था। पिछले दस दिन से अब नहर में पानी नहीं आ रहा है। वहीं जल संकट को देखते हुए एचएसवीपी के अधिकारियों का भी सेक्टरवासियों से आह्वान है कि पेयजल को गाड़ी धोने या फिर बाग व बगीचों में पौधों को पानी देने में इस्तेमाल नहीं किया जाए।

सेक्टरों में पानी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही

वहीं सेक्टरवासियों का कहना है कि अभी सेक्टरों में पानी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही है। इस कारण सेक्टर छह, सात, आठ और नौ के लगभग 2400 घरों में रहने वाले लगभग आठ हजार लोग परेशान हैं। वहीं सेक्टरवासी सतबीर बांगड़,  बिजेंद्र लाठर, वेद आर्य, तस्वीर खटकड़, उज्जवल सिंह और अमित मोर, डॉ. संजय शर्मा, उपप्रधान एडवोकेट सुशील रोहिल्ला ने बताया कि पानी की किल्लत लंबे समय से चल रही है।

एचएसवीपी के वाटर वर्कस में पानी काफी कम

लगभग दो महीना पहले भी सेक्टरों में पेयजल सप्लाई की किल्लत आ गई थी। पानी की सप्लाई पूरी तरह नहीं आ रही थी। इसके अलावा पेयजल में सीवरेज का पानी मिलकर आ रहा था। सतबीर बांगड और अमित मोर ने कहा कि एचएसवीपी के वाटर वर्कस में पानी काफी कम है। वाटर वर्कस में काफी मात्रा में सिलेट (रेत की परत) भी जमी हुई है। पिछले लंबे समय से वाटर टैंक की सफाई नहीं हो रही है।

इस कारण टैंक में पानी पूरी मात्रा में नहीं भर पाता। अब नहर आई है तो सेक्टरवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। एचएसवीपी जेई अनुज ढांडा ने बताया कि पेयजल की किल्लत को देखते हुए सेक्टरवासियों से अनुरोध है कि वे पेयजल का प्रयोग गाड़ी धोने या पौधों को पानी देने में नहीं करें। अभी वाटर वक र्स मेंं मुश्किल से 10 से 15 दिन का पानी बचा हुआ है। अभी वाटर वकर्स में पानी कम है। पिछले दिनों जब नहर आई थी तो ट्रैक्टर लगाकर पंप के जरिए वाटर वकर्स में पानी भरा गया था।

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